पंचकूला। हरियाणा के बहुचर्चित और 19 साल पुराने रणजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम समेत 5 लोगों को दोषी करार दिया गया है। सभी दोषियों को 12 अक्तूबर को सजा सुनाई जाएगी।
शुक्रवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। इस मामले में एक और अन्य आरोपी कृष्ण कुमार को भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की मदद से ही पेश किया गया जबकि बाकी तीन आरोपी अदालत में सशरीर पेश किया गया। सीबीआई जज डॉ सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सभी पांचों आरोपियों को साल 2002 में हुए मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी करार दिया। अब सीबीआई अदालत सभी आरोपियों को 12 अक्टूबर को सजा सुनाएगा।
2003 में की गई थी सीबीआई जांच की मांग
कुरुक्षेत्र के रहने वाले रंजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर का काम देखते थे। लेकिन डेरा से एक रेप का मामला सामने आने के बाद उन्होंने डेरा के मैनेजर का काम छोड़ दिया था। 10 जुलाई 2002 को रणजीत सिंह का मर्डर हुआ था। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी।
पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए आरोपियों पर केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे।
रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद हुई थी
साध्वी यौन शोषण मामले में जो लेटर लिखे गए थे, उन्हीं के आधार पर रामचंद्र ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया था। जब वे धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा में घर के बाहर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को गोली मारी गई थी। 28 दिन बाद 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उपचार के दौरान रामचंद्र ने दम तोड़ दिया था।
2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयानों के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ था। 11 जनवरी 2018 को केस में राम रहीम, कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और किशन लाल को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
सभी दोषियों पर 50 हजार जुर्माना भी लगाया गया था। गुरमीत राम रहीम को इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी बनाया गया था। गोली कुलदीप ने मारी थी और उसके साथ निर्मल भी था। जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र पर गोलियां चलाई गईं थीं, उसका लाइसेंस डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर किशन लाल के नाम पर था। कोर्ट ने राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का दोषी माना था।
यौन शोषण मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दो साध्वियों का यौन शोषण करने के मामले में 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। पंचकूला में सीबीआई कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद पंजाब-हरियाणा, राजस्थान सहित 5 राज्यों में डेरा अनुयायी हिंसा पर उतर आए थे।
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