गाजियाबाद। हिंडन एयरबेस पर 89वां एयरफोर्स-डे मनाया जा रहा है। साथ ही वायुसेना देश आजादी की 75वीं सालगिरह भी मना रही है। वायुसेना के वीरों ने आकाश में अपना पराक्रम दिखाया। इस मौके पर स्वदेशी विमान तेजस समेत फ्रांस से आए राफेल ने अपना जलबा दिखाया।
समारोह की शुरुआत आकाश गंगा टीम ने आठ हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर की। आकाशगंगा टीम का प्रतिनिधित्व स्क्वाड्रन लीडर वरुण सिंह जमवाल और सार्जेंट सुनील कुमार ने किया। स्क्वाड्रन लीडर जयंत भारतीय वायुसेना का ध्वज लेकर तिरंगे पैराशूट में उतरे तो दर्शकों ने उनका तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। इसके बाद आसमान में ट्राई कलर और पैराशूट के साथ दंगेल पैराट्रूपर्स (पैरा जंफर्स) नीचे कूदे तो सभी ने उनका हौसला बढ़ाया।टीम ने 6000 फीट की ऊंचाई से स्काई डाइविंग की। इसमें भारतीय थल सेना के हवलदार राजेंद्र प्रताप सिंह और वायुसेना दल ने हिस्सा लिया।
एयर चीफ मार्शल ने अपने जवानों को चुनौतियों का सामना करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपके साथ खड़ा होना मेरा सौभाग्य है। आपके बलिदान के बिना ये सब संभव नहीं था। हम किसी भी दुश्मन को अपने देश में घुसने का मौका नहीं देंगे। अपने सभी साथियों की तरफ मैं उन लोगों और उनके परिवारों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। एयर चीफ मार्शल ने बताया कि हमारी इस बार की थीम आत्मनिर्भर और सक्षम देश के माहौल को बताती है। हमारे देश में जिस तरह से मेक इन इंडिया के तहत चीजों का निर्माण हो रहा है उसी को ये थीम दर्शाती है। उन्होंने कहा कि हमारे नए जवान जो सेना ज्वाइन कर रहे हैं वो बेहद काबिल हैं। वह डिजिटली भी काफी काबिल हैं। जिससे सेना को भी बहुत मदद मिल रही है।
हर्क्यूलिस एयरक्राफ्ट ने ग्रुप कैप्टन रवि नंदा के नेतृत्व में राहत फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया। यह कोरोना के दौरान वायु सेना द्वारा किए गए कार्यों के नाम पर रखा गया है। ग्रुप कैप्टन अमित तिवारी मिग 31 को लेकर उड़े, इसी एयरक्राफ्ट ने 1971 के युद्ध में विशेष योगदान दिया था। जगुआर विमानों ने शमशेर फार्मेशन दिखाई गई। 1971 के युद्ध में इन्होंने भी बड़ी भूमिका निभाई थी। विनाश फॉर्मेशन का प्रदर्शन ग्रुप कैप्टन ए माथुर ने किया। 1971 में लौंगेवाला में जीत दिखाने के लिए एल शेप में फॉर्मेशन बनाया।
लड़ाकू विमान तेजस 600 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आसमान से एक साथ नीचे आया और परेड ग्राउंड के ठीक ऊपर 200 किलोमीटर की रफ्तार से आगे बढ़ता गया। स्वदेशी तेजस, हरक्यूलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर, मिराज-2000, जगुआर, सुखोई-30, अपाचे हेलिकॉप्टर, चिनूक हेलिकॉप्टर, मिग-29, ध्रुव हेलिकॉप्टर ने भी आसमान में करतब दिखाए।
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