गाजियाबाद। अब तक साइबर ठग किसी न किसी बहाने ओटीपी पूछकर लोगों के खाते साफ कर रहे थे लेकिन अब बगैर ओटीपी पूछे ही खातों में सेंध लगा रहे हैं। यहाँ तक कि पीड़ित के पैसे निकलने पर उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बैंक की तरफ से कोई मैसेज भी नहीं आ रहा है।
विजयनगर सेक्टर 11 निवासी अमित कुमार का कहना है कि उनकी बहन सुनन्या एक निजी स्कूल में टीचर थीं। सुनन्या का प्रताप विहार स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया की शाखा में बचत खाता है। सुनन्या की तरफ से भाई द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते मई माह में साइबर ठगों ने सुनन्या के खाते से 1.89 लाख रुपये की रकम उड़ा ली। अगस्त माह में सुनन्या अपने खाते से रकम निकालने एटीएम बूथ पर गईं तो उन्हें खाता खाली मिला। इसके बाद उन्होंने बैंक मैनेजर से मिलकर शिकायत की।
अमित का कहना है कि बैंक से जानकारी करने पर पता चला कि सुनन्या के खाते से नेट बैंकिग के माध्यम पांच बार में रकम दो खातों में ट्रांसफर की गई है। उनका कहना है कि सुनन्या ने 17 मई 2021 को आखिरी बार खाते से 10 हजार रुपये निकाले थे। इसके बाद कोई ट्रांजेक्शन नहीं की।
शिक्षिका का कहना है कि उसने न तो बैंक से नेट बैंकिग की सुविधा ले रखी है और न ही पैसे निकलने पर उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बैंक की तरफ से कोई मैसेज आया। उन्होंने बैंक कर्मचारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। इस संबंध में पीड़िता के भाई ने विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस साइबर सेल की मदद से मामले की जांच में जुटी है।
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