बीजिंग। चीन की सेना ने ताइवान के दक्षिणी जल क्षेत्र के ऊपर से लड़ाकू विमान उड़ाए। अमेरिका ने घटना पर चिंता जताते हुए स्वशासित द्वीप के नजदीक इसे ‘भड़काने वाली सैन्य गतिविधि’ करार दिया है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है। माना जा रहा है कि चीनी विमानों ने ताइवान के बहाने अमेरिका को अपनी सैन्य ताकत का अहसास कराया है जो इस इलाके में उसका सबसे बड़ा सहयोगी है। इस बीच ताइवान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए चीनी विमानों को खदड़ने के लिए अपने फाइटर जेट भेजे हैं और मिसाइलों को तैनात किया है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गत 1 अक्टूबर से चीनी वायुसेना लगातार ताइवानी हवाई रक्षा क्षेत्र में बिना अनुमति के घुसपैठ कर रही है। अब तक 93 विमान मात्र 3 दिन के अंदर घुसपैठ कर चुके हैं। इस बीच चीन ने अभी इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। शुक्रवार को 38, शनिवार को 39 विमान भेजने के बाद चीन ने रविवार को भी 16 फाइटर जेट ताइवान के हवाई सीमा में भेजे। इनमें परमाणु बॉम्बर एच-6, सुखोई-30 फाइटर जेट और जे-17 शामिल हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस द्वारा जारी बयान में ताइवान के नजदीक चीन की सैन्य गतिविधि को लेकर चेतावनी देते हुए कहा गया कि वह गलत आकलन कर रहा है और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कमतर कर रहा है। बयान में कहा गया, ‘हम बीजिंग से अपील करते हैं कि वह ताइवान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई रोके।’ बयान में कहा गया कि अमेरिका ताइवान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है और वहां की सरकार की पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता के लिए मदद करना जारी रखेगा।
ताइवान चीन के पूर्वी तट से 160 किलोमीटर दूर
गृह युद्ध के बाद 1949 में ताइवान और चीन अलग हो गए थे, ‘कम्युनिस्ट’ समर्थकों ने चीन पर कब्जा कर लिया था और उसके प्रतिद्वंद्वी ‘नैशनलिस्ट’ समर्थकों ने ताइवान में सरकार बनाई थी। ताइवान चीन के पूर्वी तट से 160 किलोमीटर दूर है और उसकी आबादी 2.40 करोड़ है। चीन पिछले एक साल से अधिक समय से ताइवान के दक्षिण में लगातार सैन्य विमान भेज रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रविवार को चीन के 12 लड़ाकू विमान और चार अन्य सैन्य विमान उसके वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में दाखिल हुए।
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