काबुल। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने नागर उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) को चिट्ठी लिखी है। इसमें उसने भारत और अफगानिस्तान के बीच विमान सेवा फिर से शुरू करने की मांग की गई है।
अखुंदजादा ने लिखा है कि इस खत का मकसद दोनों देशों के बीच यात्रियों के मूवमेंट को सुचारू रूप से करने का है। खत में आगे लिखा है, ‘हमारे नैशनल कैरियर (आरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर) ने अपनी तय फ्लाइट्स चलाने का लक्ष्य बनाया है। इसलिए अफगानिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी आपसे उनकी कर्मशल फ्लाइट्स के संचालन में मदद करें।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान की तरफ से यह चिट्ठी मौजूदा सरकार के नागर उड्डयन मंत्री अल्हाज हमीदुल्ला अखुंजादा की तरफ से लिखी गई है। चिट्ठी 7 सितंबर को भेजी गई थी। अखुंजादा ने इसमें लिखा है, “जैसा कि आप जानते हैं हाल ही में काबुल एयरपोर्ट को भारी नुकसान पहुंचा था और अमेरिकी सेना के वापस जाने के बाद से यह बंद था। लेकिन कतर के हमारे भाइयों की तकनीकी मदद से एयरपोर्ट का संचालन एक बार फिर शुरू हो गया है और 6 सितंबर को इसे लेकर सभी एयरपोर्ट कर्मियों को नोटाम (नोटिस टू एयरमैन) जारी कर दिया गया।”
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से दुनियाभर के देशों ने वहां जाने वाली अपनी उड़ानें रोक दी थीं। अब सरकार बनाने के बाद तालिबान ने भारत से अपील की है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू किया जाए। इसके लिए पहली बार तालिबान ने भारत को औपचारिक खत लिखा है। अफगान सिविल एविएशन अथॉरिटी ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से अफगान नैशनल कैरियर्स को दोनों देशों के बीच उड़ाने शुरू करने की इजाजत देने की अपील की है। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात घोषित हो जाने के बाद यह उसकी ओर से पहली आधिकारिक बातचीत की पहल है। बताया गया है कि तालिबान की इस चिट्ठी पर नागर उड्डयन मंत्रालय की ओर से समीक्षा की जा रही है।
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