लखनऊ। कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त और वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम (रोडवेज) के चेयरमैन वरिष्ठ आइएएस मो.इफ्तिखारुद्दीन के खिलाफ सरकार ने भी जांच के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ आईएएस का कुछ लोगों के साथ वीडियो वायरल हुआ है। इसमें धर्म परिवर्तन संबंधी आपत्तिजनक बातें कही जा रही हैं।
सीनियर आईएएस की तकरीरों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद हड़कंप मच गया है। इन वीडियो में उनके सरकारी आवास पर उनकी मौजूदगी में धर्म परिवर्तन को लेकर तकरीरें की गईं। साथ जिस वक्ता का वीडियो वायरल हुआ है, वह अधिकारी समेत वहां जमीन पर बैठे अन्य लोगों को बताता है कि पंजाब में एक व्यक्ति ने इस्लाम कबूल कर लिया। मैंने उनको इस्लाम कबूल करने के लिए दावत नहीं दी थी। मैंने उनसे इस्लाम कबूल करने की वजह पूछी। इसके आगे आपत्तिजनक संवाद हैं। एक वीडियो में आईएएस ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब का भी जिक्र किया है। दूसरे वीडियो में वह कहते हैं कि हर घर में अल्लाह का दीन दाखिल होना है, करना चाहिए।
इन वीडियो में इसमें एक वक्ता जमीन पर बैठे लोगों को संबोधित कर रहा है। वह कहता है कि अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश-दुनिया में काम कर सकते हैं। उसके बाद इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम में होने के फायदे गिनाते हैं। वह कहते हैं-ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है।
मामले के तूल पकड़ने के बाद सोमवार को पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वायरल वीडियो की जांच एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा को सौंप दी। उन्होंने बताया कि जांच में देखा जाएगा कि क्या वीडियो में कोई अपराध प्रदर्शित हो रहा है? या वरिष्ठ आईएएस की ओर से किसी नियम का उल्लंघन किया गया है?
इस मामले की दो दिन पहले ही मठ-मंदिर समन्वय समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। भूपेश अवस्थी का कहना है कि मुझे इन वीडियो के बारे में जानकारी हुई थी। उसमें आपत्तिजनक बातें हैं। यह धर्म परिवर्तन की साजिश हो सकती है। मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन यह कर रहे हैं। किसी भी अधिकारी को अधिकार नहीं कि ऐसे वीडियो बनाकर डाले। यह राजकीय नियमावली के विरुद्ध है। इसमें सरकारी आवास का इस्तेमाल प्रतीत हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि वरिष्ठ आईएएस सनातन धर्म के विरुद्ध प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, जिससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
वहीं, मामले में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कानपुर और उन्नाव दौरे के समय मुझे कुछ लोगों ने इस प्रकरण से अवगत कराया था। यह गंभीर मामला है। इस मामले की जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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