गाजियाबाद। जनपद में इन दिनों डेंगू बुखार का दौर चल रहा है। पिछले पांच साल की अधिकतम संख्या 232 को पार करते हुए ये संख्या अब 247 पर पहुंच गई है। इस बुखार को फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा हर सातवें घर में मिल रहा है। शहर के साथ अब कस्बों और गांवों से भी डेंगू के मरीज आ रहे हैं। कोविड-19 महामारी से लोग ठीक से उबर भी नहीं पाए हैं कि दूसरी बड़ी बीमारी ने घेर लिया है। हालांकि इसमें बड़ा अंतर है। वह यह कि आप कोविड-19 महामारी का वायरस देख नहीं सकते परंतु डेंगू फलाने वाले टाइगर मास्कीटो यानी एडीज मच्छर को देखकर उसे नष्ट कर सकते हैं।
जिले के जलभराव वाले क्षेत्रों में डेंगू के मामले अधिक मिल रहे हैं। इनमें गोविदपुरम, इंदिरापुरम, विजयनगर, हरसांव पुलिस लाइन, वैशाली, राजेंद्रनगर, मकनपुर, गरिमा गार्डन व कैलासनगर शामिल हैं। जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा का कहना है कि कूलर, एसी, गमला व पक्षियों के लिए पानी के बर्तन में डेंगू का लार्वा तेजी से मिल रहा है। पानी की टंकियों में और आसपास भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा मिल रहा है। सर्वे में पता चला है कि पार्क के आसपास रहने वाले लोगों के घरों में भी लार्वा मिल रहा है।
घर में इस प्वाइंट पर देखें पानी
एडीज एजेप्टी मच्छर घरों में जगह-जगह इकट्ठा साफ पानी में होते हैं। यह पानी में अंडे देते हैं और उसी में जन्म लेते हैं। कूलर की टंकी, छत पर रखी खुली हुई पानी की टंकी, टीन के खाली डिब्बे, किसी पुराने टायर, गमले, सिस्टर्न, खाली बोतल, मनी प्लांट के गमले, प्लास्टिक के डिब्बे, सीढ़ियों पर रखे गमले या कहीं तसले में भरे पानी में मच्छर हो सकते हैं। इन सभी पात्रों पर नजर डालना बेहद जरूरी है। इनमें पानी भरा हो, उनमें लार्वा दिखें तो फौरन नष्ट कर दें।
डेंगू के मच्छर रात में नहीं काटते
एडीज एजेप्टी मच्छर लोगों को दिन में काटते हैं। इनके डंक मारने का सबसे उपयुक्त समय सुबह सूरज उगने के दो घंटे बाद से सूर्यास्त होने दो घंटे पहले तक होता है। दिन की रोशनी में यह डंक मारकर मनुष्य को डेंगू बुुखार का मरीज बना देते हैं। इनसे से बचने के लिए स्वयं और बच्चों को भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहना कर रखें। एडीज मच्छर लोगों को एक बार डंक मारने के बाद आठ से 12 दिन में इतने ताकतवर हो जाते हैं कि पुन: किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटकर उसे डेंगू रोग दे सकते हैं।
डेंगू से ऐसे करें बचाव
दिन में अगर सोते हैं तो मच्छरदानी जरूर लगाएं। शरीर पर नीम या सरसों का तेल लगा लें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। कोशिश करें कि मोजे भी पहनें। बच्चों को स्कूल भेजें तो पूरी आस्तीन की ड्रेस पहनाएं और जूते मोजे भी पहनाएं। घर में अगरबत्ती और मैट का प्रयोग करें। घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें।
जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्रा का कहना है कि गंदगी और जलजमाव से वायरल संक्त्रस्मण के साथ डेंगू और मलेरिया फैलने का खतरा बन जाता है। कूलर, गमलों से लेकर स्वच्छ पानी में डेंगू फैलाने वाले मच्छर एडीज एजिप्टी के लार्वा मिल रहे हैं। मादा एडीज एजिप्टी मच्छर से डेंगू फैलता है, यह मच्छर स्वच्छ पानी में पनपता है। लार्वा मिलने पर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। कंट्रोल रूम के नंबर 0120-4186453 पर फोन करें। इसके अलावा [email protected] या [email protected] पर मेल कर सकते हैं।
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