अब दिल्ली में ट्रैफिक जाम, वायु प्रदूषण और टोल टैक्स से बचाएगा नया सिस्टम, जानें इसके बारे में सबकुछ

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FASTag Radio Frequency: अब आपको रोज लगने वाले ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) से मुक्ति मिलेगी ही साथ ही आप पर टोल टैक्स (Toll Tax) का बोझ भी कम हो जाएगा. इसके साथ ही वायु प्रदूषण से काफी राहत मिलेगी. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) अब एक नई तकनीक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) डेटाबेस को नेशनल फास्टैग (Fastag) के साथ जोड़ दिया है.

नई दिल्ली. अगर आप दिल्ली के आस-पास राज्यों जैसे हरियाणा, यूपी, पंजाब, राजस्थान और पंजाब से दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश कर रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. अब आपको रोज लगने वाले ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) से मुक्ति मिलेगी ही साथ ही आप पर टोल टैक्स (Toll Tax) का बोझ भी कम हो जाएगा. इसके साथ ही वायु प्रदूषण से काफी राहत मिलेगी. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) अब एक नई तकनीक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) डेटाबेस को नेशनल फास्टैग (Fastag) के साथ जोड़ दिया है. बीते एक सितंबर से दिल्ली के सभी 124 टोल नाकों पर आरएफआइडी टैग से व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश को अनिवार्य कर दिया गया है.

क्या है रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस
दक्षिण दिल्ली नगर निगम के इस फैसले के बाद कमर्शियल वीकल ऑपरेटर्स पर टोल टैक्स का बोझ कम होगा. अभी कमर्शियल वीकल के लिए दिल्ली की सीमाओं पर एक अलग तरह का चिप खरीदना पड़ता है. साउथ नगर निगम के मुताबिक सबसे पहले बदरपुर बॉर्डर एंट्री पॉइंट पर भी इसे लागू किया जाएगा. फिलहाल यहां पर कुछ ही मीटर की दूरी पर दो टोल कलेक्शन सिस्टम हैं. इसमें से एक म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का है और दूसरा नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का है. दोनों सिस्टम्स को जोड़ना समय की मांग है.

दक्षिण दिल्ली नगर निगम के इस फैसले के बाद कमर्शियल वीकल ऑपरेटर्स पर टोल टैक्स का बोझ कम होगा.

कमर्शियल वीकल से ऐसे कम होगा शहर का ट्रैफिक जाम
निगम की मानें तो मौजूदा व्यवस्था से दिल्ली की सीमाओं पर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है. कुलमिलाकर दिल्ली में 124 बॉर्डर पॉइंट हैं, जहां इन गाड़ियों को टोल टैक्स देना पड़ता है. इनमें से अब 13 प्रमुख स्थानों पर आरएफआईडी सिस्टम लगाए जा चुके हैं. इन स्थानों से ही करीब 85 फीसदी कमर्शियल वीकल का ट्रैफिक शहर में आता है. एक बॉर्डर प्वाइंट पर इंटिग्रेशन का खर्च 1 से 1.5 करोड़ रुपये आता है.

टोल टैक्स भी कम देने पड़ेंगे
गौरतलब है कि दिल्ली में सबसे ज्यादा कमर्शियल गाड़ियां बदरपुर और रजोकरी बोर्डर से शहर में आते हैं. हरियाणा की तरफ से खासकर फरीदाबाद की तरफ से आ रहे कमर्शियल वाहनों को दो बार टोल टैक्स देना होता है. यही वजह है कि सबसे पहले वहीं इटिग्रेशन किया जाएगा. अगले दौर में रजोकरी का नंबर आएगा.

पहले इस प्रोजेक्ट की निगरानी पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण कर रहा था, लेकिन अब यह कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट एनसीआर के अधिकार क्षेत्र में है. आरएफआईडी सिस्टम के जरिए दिल्ली के बड़े बॉर्डर एंटी पॉइंट्स पर डिजिटल टैक्स कलेक्शन और ट्रैफिक जाम से मुक्ति की कल्पना की गई थी, लेकिन यह अपने लक्ष्यों को पाने में अभी तक नाकाम रहा है. साभार- न्यूज़18

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