Delhi News: दिल्ली के पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) ने अपने इलाके में रहने वाले लोगों के लिए पालतू जानवर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है. अगर कोई अपने पालतू कुत्तों (Pet Dogs) का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
नई दिल्ली. यदि आप पूर्वी दिल्ली में रहते हैं और आपके पास पालतू कुत्ता (Pet Dog) है, तो आपके लिए यह खबर खास है. दरअसल पूर्वी दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) ने अपने सीमा क्षेत्र के निवासियों के लिए पेट डॉग का ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है. ईडीएमसी ने अपनी अधिकृत वेबसाइट के जरिये दो महीने के भीतर पेट डॉग के पंजीकरण का निर्देश दिया है. यही नहीं, यह नियम उन लोगों पर भी लागू होता है जिन्होंने आवारा कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में अपनाया है. इसके साथ ही कहा है कि ऐसा नहीं करने वाले पर जुर्माना लगेगा.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ईडीएमसी ने कहा है कि उसके अधिकार क्षेत्र में रहने वाले लोग https://mcdonline.nic.in/vtlpetedmc/web/citizen/info के जरिये अपने पालतू कुत्तों का पंजीकरण करा सकते हैं और ऑनलाइन माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा कर सकते हैं. पंजीकरण के लिए मालिकों को कुत्तों का टीकाकरण विवरण, उसकी फोटो और अपना पहचान पत्र देना होगा और कुत्ते को टीका लगे होने पर 50 रुपये का भुगतान करना होगा.
क्या होगा यदि आपने पंजीकरण नहीं कराया?
निगम ने लोगों को पंजीकरण के लिए दो महीने का समय दिया है, उसके बाद कार्रवाई शुरू हो जाएगी. यद्यपि इसने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या कार्रवाई की जाएगी, लेकिन दिल्ली म्यूनिसिपल एक्ट 1957, के तहत निगम को अपने अधिकार क्षेत्र में सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य बनाने की शक्ति प्रावधान करता है. इसके तहत पंजीकरण नहीं कराने पर डॉग ऑनर पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है, इतना ही नहीं ऐसे लोगों पर आईपीसी की धारा 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाहीपूर्ण व्यवहार) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है.
क्या यह नियम सिर्फ पूर्वी दिल्ली वालों के लिए है?
पालतू कुत्तों को पंजीकृत कराने का प्रावधान दिल्ली म्यूनिसिपल एक्ट 1957 में मौजूद है, लेकिन इसे कभी गंभीरता से लागू नहीं किया गया. 2016 में, दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने पालतू जानवरों को ऑनलाइन (500 रुपये के शुल्क पर) पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की, जबकि उत्तर और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में मैनुअल प्रक्रिया जारी रही. हालांकि एक साल में केवल एक हजार लोगों ने ही अपने कुत्तों का पंजीकरण कराया है. जबकि पालतू कुत्तों की संख्या बहुत अधिक है. निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दूसरे चरण में निगम जुर्माना वसूलना शुरू कर देगा.
पालतू जानवरों के पंजीकरण से निगमों को कैसे मदद मिलती है?
इस प्रक्रिया का उद्देश्य पालतू कुत्ते के मालिकों का एक डेटाबेस तैयार करना, गैर-पंजीकृत डॉग ब्रीडिंग जैसी अवैध प्रथाओं को नियंत्रित करना और बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए पेट वैक्सीनेशन कार्यक्रम की निगरानी करना है. निगम ने कुत्तों के लिए पंजीकरण अथॉरिटी द्वारा जारी कॉलर पहनाना अनिवार्य करने की भी योजना बनाई है ताकि सार्वजनिक स्थानों पर पालतू जानवरों को छोड़ने के लिए मालिकों पर जुर्माना लगाया जाए और छोड़े गए पालतू जानवरों को उनके मालिकों को वापस किया जा सके. साभार- न्यूज़18
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