पढ़िये ऑपइंडिया की ये खास खबर….
अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद हैरान करने वाली खबरें सामने आ रही हैं। एक तरफ तालिबान है जो औरतों के अधिकारों का दमन कर रहा है। घर-घर बच्चियों की तलाश कर जबरन उनका निकाह कराया जा रहा है। दूसरी तरफ आम अफगानी भी हैं जो इस हालात का फायदा उठाकर छोटी बच्चियों का शोषण कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब देखा गया है कि दूसरे मुल्कों में शरण लेने पहुँचे 60-60 साल के पुरुष 12-12 साल की बच्ची को बीवी बनाकर ला रहे हैं।
तालिबान से बचने के नाम पर अफगानिस्तान से निकल कर दुबई और अमेरिका में शरण लेने आए कुछ अफगानियों की ये करतूत उजागर हुई है। अधिकारियों के संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं जब कुछ अफगानी ‘बुजुर्गों’ ने छोटी-छोटी बच्चियों को तालिबान के चंगुल से बचाने का हवाला देकर उनसे रेप किया और उनसे निकाह कर लिया। छोटी लड़कियों ने दुबई में खुद अधिकारियों को आपबीती सुनाते हुए कहा कि कैसे अफगानिस्तान से निकलने के लिए उनसे जबरन निकाह कर उनका रेप किया गया।
Yahoo न्यूज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक यूएस कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन अधिकारी अब ऐसे मामलों पर संज्ञान ले रहे हैं जिनमें दावा किया गया है कि काबुल से अफगानिस्तानी अपने साथ छोटी लड़कियों को बीवी बना कर लाए हैं। अधिकारियों की कोशिश है कि बच्चियों को कैसे भी बचाया जा सके। एक अधिकारी जो ऐसी रिपोर्ट्स पर ध्यान दे रहे हैं, वे बताते हैं कि विदेशों में जाँच प्रक्रिया बेहद बेकार है। उनके मुताबिक, “आज ऐसे 60 साल के लोग हैं जो 12 साल की लड़की के साथ हैं और कहते हैं- ये मेरी बीवी है।”
अमेरिका ने 124, 000 अफगानियों को उनके देश से निकाला है। अब उनके पास ये चुनौती है कि वो किसे एंट्री देंगे? प्रेस सचिव जेन साकी ने 1 सितंबर को कहा था कि अमेरिका में आने वाले लोगों के बैकग्राउंड को चेक किए बिना उन्हें नहीं रखा जाएगा। लेकिन सामने आई रिपोर्ट्स ऐसी प्रक्रिया पर शक पैदा कर रही है।
सवाल ये किया जा रहा है कि जब पूर्व में अफगानिस्तान में शादी की उम्र लड़कियों की 16 साल तय थी तो फिर 12 साल की लड़कियों से शादी कैसे सही है। एक अधिकारी कहते हैं, “हमारी नजर में ये वैध शादियाँ नहीं हैं। ये लड़कियाँ तालिबान से बचाई गई हैं या फिर किसी और गलत इरादे (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) से यहाँ लाई गई हैं। हम पक्का नहीं कह सकते। लेकिन ये हमारी चिंताएँ हैं।”
सीबीपी अधिकारियों द्वारा ऐसी बच्चियों से संबंधी रिपोर्ट्स पर ध्यान दिया जाना बायडेन प्रशासन के उस ढीले रवैए को दिखा रहा है जो उन्होंने इस मुश्किल वक्त में भी दिखाया। मालूम हो कि अभी यौन शोषण या मानव तस्करी के मामले दर्ज नहीं किए गए हैं। हालाँकि, भरोसा दिलाया जा रहा है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इस बीच इस मुद्दे पर टिप्पणी से इनकार किया है। उन्होंने रेस्क्यू किए गए अफगानियों और जाँच प्रक्रिया का का बचाव करते हुए कहा, “खुफिया, कानून प्रवर्तन, और आतंकवाद विरोधी पेशेवर सभी एसआईवी आवेदकों और अन्य कमजोर अफगानों के लिए स्क्रीनिंग और सुरक्षा जाँच कर रहे हैं। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका में शरण पाने से पहले दोनों बायोग्राफिक और बायोमेट्रिक डेटा की समीक्षा शामिल है।”
बता दें कि इससे पहले यह भी पता चला था कि अमेरिकी प्रशासन अफ़ग़ान बच्चों को उस वयस्क के साथ रहने की अनुमति दे रहा है जिसके साथ वे संयुक्त राज्य अमेरिका में आए थे ताकि हिरासत में जाने से नाबालिगों को बचाया जा सके। सीएनएन ने बुधवार को बताया कि स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने गाइडेंस जारी की है जिसमें तरीके बताए गए हैं कि कैसे अफगानी बच्चों को उनके केयरगिवर्स से अलग न होने दिया जाए। मालूम हो कि इस नई रिपोर्ट का खुलासा Associated Press की रिपोर्ट के बाद हुआ था।
साभार-ऑपइंडिया।
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