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गाजियाबाद: शहर में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंगलवार सुबह भी हादसे में पांच लोगों की जान चली गई। आए दिन डिवाइडर, स्टेपवर्ज और फुटपाथ से भी वाहन टकराते है। ऐसे में उन लोगों की जान को खतरा होता है, जो रात के वक्त फुटपाथ और डिवाइडर पर ही बिस्तर डालकर सो जाते हैं, जबकि जिन लोगों के पास अपना घर या ठिकाना नहीं है। उनके रुकने की व्यवस्था शहर के रैन बसेरों में की गई है। फुटपाथ, डिवाइडर पर सो रहे लोग अपने साथ ही वाहन चालकों की जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं। यहां पर सोते हैं लोग: मुख्य तौर आर आरडीसी से विवकानंद नगर फ्लाईओवर की ओर जाने वाले रास्ते पर स्टेपवर्ज के ऊपर ही रोजाना रात को बड़ी संख्या में लोग सोते हुए नजर आते हैं। यहां पर आए दिन हादसे होते हैं, बारिश होने पर स्ट्रीट लाइट भी नहीं जलती है। इसके अलावा नेहरू नगर फ्लाईओवर पर रात के वक्त कई लोग डिवाइडर पर सो जाते हैं। नेहरू नगर फ्लाइओवर पर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। ऐसे में जान का खतरा बना रहता है। एसपी सिटी कार्यालय, एनएच नौ पर भी ऐसा हाल: एक, दो नहीं बल्कि शहर में एसपी सिटी कार्यालय के पास भी रात को जीटी रोड के बीच बने डिवाइडर पर ही लोग बिस्तर डालकर सोते हुए नजर आते है। रात भर इस रोड पर वाहनों का आवागमन होता है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हाल ही में एनएच-नौ का निर्माण कार्य कराया गया है। यहां विजयनगर बाइपास के पास भी रात को फुटपाथ पर ही वाहन चालक सोते हैं। जबकि एनएच-नौ पर हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में लोगों की जान को जोखिम बना हुआ है। बयान
बेघरों के रहने के लिए रैन बसेरों में व्यवस्था की गई है। रैन बसेरों में रात को लोग रुक भी रहे हैं। बावजूद इसके अगर रात के वक्त लोग फुटपाथ और डिवाइडर पर सो रहे हैं तो जांच कार्रवाई की जाएगी। – महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त बयान
हादसों को रोकने के लिए डिवाइडर, फुटपाथ और स्टेपवर्ज पर लोगों को सोने से रोका जाता है। कई बार यहां से लोगों को हटाया गया है। आगे भी कार्रवाई की जाएगी। – रामानंद कुशवाहा, एसपी ट्रैफिक
साभार-दैनिक जागरण।
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