Pollution Free : आरटीओ हिमेश तिवारी ने 15 साल पुरानी गाड़ी पर सीएनजी किट की मान्यता पर रोक लगा दी है. सीएनजी फिट गाड़ियों की चेकिंग के लिए कहा है. 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के एनसीआर में चलने पर एनजीटी ने प्रतिबंध लगा रखा है.
मेरठ. 15 साल पुरानी गाड़ी में सीएनजी किट लगवाकर उसकी उम्र पांच साल और बढ़ाने का सपना संजोने वाले लोगों को आरटीओ ने बड़ा झटका दिया है. अब ऐसी गाड़ियों में सीएनजी किट को मान्यता नहीं दी जाएगी. जिन गाड़ियों में पहले किट लगाई जा चुकी है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. जल्द ही ऐसी गाड़ियों के स्वामियों को नोटिस भी भेजे जाएंगे. मेरठ आरटीओ ने इस बाबत सख्त आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ तो कार्रवाई अवश्य होगी. मेरठ आरटीओ हिमेश तिवारी ने 15 साल पुरानी गाड़ियों पर सीएनजी किट की मान्यता पर रोक लगा दी है. उन्होंने सीएनजी फिट गाड़ियों की चेकिंग करने के लिए कहा है.
शहर में काफी लोगों ने गाड़ियों की उम्र 15 साल से बढ़ाकर 20 साल करने के लिए सीएनजी किट लगवा ली थी. आरटीओ के जरिए आरसी पर सीएनजी किट की मान्यता भी ले ली थी. अब आरटीओ हिमेश तिवारी ने 15 साल पुरानी गाड़ी पर सीएनजी किट की मान्यता पर रोक लगा दी है. सीएनजी फिट गाड़ियों की चेकिंग के लिए कहा है. पैसेंजर टैक्स ऑफिसर सुधीर सिंह का कहना है कि 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के एनसीआर में चलने पर एनजीटी ने प्रतिबंध लगा रखा है. उन्होंने कहा कि 10 साल पुरानी प्राइवेट डीजल गाड़ियां की संख्या 12788 है और व्यावसायिक डीजल वाहन 10069 हैं. जबकि 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन प्राइवेट 120902 हैं. वहीं सीएनजी वेकिल्स प्राइवेट 2144 हैं. उन्होंने कहा कि 10 साल पुराने डीजल व्हीकल्स और 15 साल पुराने पेट्रोल व्हीकल्स एनसीआर में फर्राटा नहीं भर सकते हैं. सुधीर सिंह ने कहा कि ऐसे वाहनों पर मेरठ में व्यापक स्तर पर कार्रवाई होगी, जिनमें पंजीयन सस्पेंशन से लेकर निरस्तीकरण तक की कार्रवाई की जाएगी.
एनजीटी के आदेशानुसार दिल्ली और एनसीआर में पेट्रोल और सीएनजी चालित गाड़ियां केवल 15 साल ही संचालित की जा सकती हैं. इसके बाद इन गाड़ियों को एनओसी लेकर बाहर जाना होगा. मेरठ में सीएनजी चालित पंजीकृत वाहनों की संख्या करीब 5 हजार हैं. इसमें से करीब 2 हजार वे गाड़ी हैं जिनमें रेट्रोफिटमेंट सेंटर से सीएनजी किट लगावाई गई है. सीएनजी किट को कागज पर तभी चढ़ाया गया जब गाड़ी से पेट्रोल का ऑप्शन खत्म करते हुए पेट्रोल टैंक भी हटा दिया गया. लेकिन इसमें एक बड़ा खेल यह खेला गया कि सीएनजी कागजों पर चढ़वाने के कुछ दिन बाद ही गाड़ी मालिकों ने फिर से पेट्रोल टैंक फिट कराकर गाड़ी को सीएनजी के साथ पेट्रोल विकल्प भी दे दिया. आरटीओ ने इस गलत परंपरा को बंद करते हुए सीएनजी फिट वाहनों की स्वीकृति पर रोक लगा दी है. साभार- न्यूज़18
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