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गोरखपुर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने रेलवे बोर्ड हेड क्वार्टर रेल भवन रायसीना मार्ग नई दिल्ली एवं जनरल मैनेजर पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को आदेशित किया है कि वह उपभोक्ता रेल यात्री को चोरी हुए सामान के एवज में दो लाख दो हजार चालीस रुपए भुगतान करें।
गोरखपुर। ट्रेन से सामान चोरी होने के बाद उसकी बरामदगी के प्रयास न करना रेलवे प्रशासन को भारी पड़ गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अस्थाना एवं सदस्य कृष्णा नंद मिश्र ने रेलवे बोर्ड हेड क्वार्टर रेल भवन रायसीना मार्ग नई दिल्ली एवं जनरल मैनेजर पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को आदेशित किया है कि वह उपभोक्ता शिखा रंजन को चोरी हुए सामान के एवज में दो लाख दो हजार चालीस रुपए भुगतान करें। इसके अतिरिक्त सत्तर हजार रुपए बतौर क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के रूप में भी रेलवे को प्रदान करना होगा।
यह है मामला
आयोग के समक्ष तारामंडल निकट भगत चौराहा न्यू कैलाशपुरी निवासी परिवादनी शिखा रंजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव ने आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया था। उनका कहना था कि परिवादिनी ने 18 सितंबर 2017 को एक हजार 625 रुपए भुगतान कर गोरखपुर से नई दिल्ली जाने के लिए ई टिकट बुक किया था। यात्रा के दिन 29 सितंबर 2017 को वह बिहार सप्तक्रांति ट्रेन से ऐसी द्वितीय श्रेणी में बर्थ नंबर ए 47 पर सफर कर रही थी। उसके साथ अटैची भी थी, जिसमें दो लाख 55 हजार रुपए का सामान था।
सामानों की बरामदगी में रेलवे ने नहीं किया कोई सहयोग
यात्रा के दौरान परिवादिनी अपने बर्थ पर सो रही थी। ट्रेन जैसे ही मल्हौर लखनऊ के बीच पहुंची तो परिवादिनी ने देखा कि उसका सामान सहित सूटकेस चोरी हो गया है। दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर आयोग ने पाया कि चोरी गए सामान के सुरक्षा अथवा उन सामानों के बरामदगी में रेलवे ने कोई सहयोग नहीं किया। इसे रेलवे के सेवा में कमी मानते हुए आयोग ने यह आदेश दिया।
शवयात्रा रोक पुलिस ने कराया पोस्टमार्टम
गोला थाना क्षेत्र के देवकली गांव के 70 वर्षीय गुदरी जायसवाल की मेडिकल कालेज में सोमवार की रात मौत हो गई।मंगलवार की छोटा बेटा दाह संस्कार के लिए निकला तो बड़े भाई ने लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाते हुए सूचना पुलिस को दी।मौके पर पहुंची गोला पुलिस ने शवयात्रा रोक बुजुर्ग का पोस्टमार्टम कराया। गुदरी जायसवाल अपने छोटे बेटे अमृष के साथ रहते थे। बड़ा बेटे अनिरुद्ध व बेटियों का आरोप है कि अमृष ने पैतृक संपत्ति अपने नाम कराने के बाद गलत इलाज कराकर पिता को रास्ते से हटा दिया। अमृष ने पुलिस को बताया कि दिल का दौरा पड़ने पर पिता को मेडिकल कालेज ले गया था।जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। थानाध्यक्ष गोला धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। साभार-दैनिक जागरण
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