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इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) एवं भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने मिलकर नेजल कोवैक्सीन तैयार की है। वैक्सीन के फेज वन ट्रायल के रिजल्ट के आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीजीसीआइ) से फेज टू ट्रायल की अनुमति मांगी थी।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन लैम्डा वैरिएंट को ध्यान में रखकर भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने नेजल वैक्सीन तैयार की है। यह वैक्सीन अबतक के कोरोना वायरस के सभी म्यूटेशन के लिए कारगर साबित होगी। उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत देश के पांच केंद्रों पर वैक्सीन के फेज टू (दूसरे चरण) में इसका ट्रायल मंगलवार से एक साथ शुरू हो रहा है। देशभर के 152 वालंटियर्स पर वैक्सीन का ट्रायल होगा। पांच केंद्रों में कानपुर के आर्यनगर स्थित प्रखर हास्पिटल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली व एम्स पटना, आंध्र प्रदेश के हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट और कर्नाटक के बेलगाम मेडिकल कालेज हैैं।
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) एवं भारत बायोटेक इंटरनेशनल ने मिलकर नेजल कोवैक्सीन तैयार की है। वैक्सीन के फेज वन ट्रायल के रिजल्ट के आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीजीसीआइ) से फेज टू ट्रायल की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद आइसीएमआर ने रविवार देर रात पांचों सेंटरों को ईमेल भेजकर मंगलवार से ट्रायल करने के निर्देश दिए हैं। नेजल वैक्सीन का ट्रायल 18 से 65 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों पर होगा।
शहर में 30 वालंटियर्स पर होगा ट्रायल : शहर के सेंटर में वैक्सीन ट्रायल के चीफ गाइड प्रो. जेएस कुशवाहा ने बताया कि ईमेल मिला है। 30 वालंटियर्स पर ट्रायल किया जाना है। वैक्सीन का ट्रायल कराने के लिए वालंटियर्स तैयार हैं। उनकी स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है। भारत बायोटेक से वैक्सीन भी आ चुकी है। मंगलवार सुबह नौ वालंटियर्स पर ट्रायल होगा।
ऐसे किया जाएगा ट्रायल : प्रो. कुशवाहा ने बताया कि वालंटियर्स को लिटाकर उनके दोनों नथुनों में नेजल कोवैक्सीन के दो-दो बूंद डाले जाएंगे। उसके पांच मिनट तक वह लेटे रहेंगे। उसके बाद फिर दो-दो बूंद डाले जाएंगे। प्रत्येक वालंटियर को आधा घंटे तक निगरानी में रखा जाएगा। उसके बाद ही घर जाने की अनुमति होगी। 28 दिन बाद फिर उन्हेंं बुलाकर ट्रायल की यह प्रक्रिया फिर से अपनाई जाएगी।
वायरस के सभी म्यूटेशन का ध्यान : प्रो. कुशवाहा ने बताया कि नेजल वैक्सीन तैयार करते समय कोरोना वायरस के म्यूटेशन का भी पूरा ध्यान रखा गया है। पहले की वैक्सीन में कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट BBV152 a, b एवं c का इस्तेमल किया गया था। वहीं, नेजल वैक्सीन में कोरोना वायरस के वैरिएंट BBV154 का इस्तेमाल किया गया है। इस तरह यह वैक्सीन अबतक के कोरोना वायरस के सभी म्यूटेशन के लिए कारगर होगी। साभार-दैनिक जागरण
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