महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र की बीजेपी इकाई के चीफ चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ”राज्य में मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, जैन मंदिर शुरू करने के लिए BJP शंखनाद आंदोलन कर रही है. सरकार लोगों की भावनाओं का अनादर कर रही है.’
मुंबई. महाराष्ट्र (Mahrashtra Corona) में कोविड के मामलों गिरावट जारी है. इस बीच अन्ना हजारे (Anna Hazare) समेत कई नेताओं ने मांग की है कि राज्य में मंदिर खोले जाएं. उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार को देखते हुए कई क्षेत्रों को फिर से खोल दिया. टीके की दोनों खुराक लगाने वाले लोगों को मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है. हालांकि अभी तक धार्मिक स्थलों पर कोई फैसला नहीं किया गया है. दरअसल, राज्य सरकार अभी भी कोरोना वायरस के प्रसार के डर से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से कतरा रही है, खासकर जब महामारी की तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है. विशेष रूप से, विपक्षी भाजपा मांग करती रही है कि लोगों के लिए मंदिर फिर से खोले जाएं.
महाराष्ट्र की बीजेपी इकाई के चीफ चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को धार्मिक स्थानों को खोलने के लिए आंदोलन किया. पाटिल ने कहा, ”राज्य में मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, जैन मंदिर शुरू करने के लिए BJP शंखनाद आंदोलन कर रही है. सरकार लोगों की भावनाओं का अनादर कर रही है.’ इस बीच भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने राज्य में अलग-अलग जगहों पर मंदिर खोलने के लिए आंदोलन किए.
उधर, भाजपा नेता राम कदम ने भी सिद्धि विनायक मंदिर पहुंचने की योजना बनाई थी लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उधर ठाणे के भगवती मैदान पर जहां एमएनएस कार्यकर्ता दही हांडी उत्सव के लिए स्टेज बना रहे हैं. वहां पुलिस पहुचीं जहां उन्हें स्टेज बनाने से रोका गया. इसके बाद भी MNS कार्यकर्ता दही हांडी मनाने पर उतारू हैं. उनका कहना है कि अगर उन्हें रोका गया तो वो वहीं पर अनशन करने बैठेंगे.
महाराष्ट्र में मंदिर क्यों नहीं खोले गए : हजारे ने सरकार से पूछा
इससे पहले हजारे ने राज्य में मंदिरों को फिर से नहीं खोलने के महाराष्ट्र सरकार के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि अगर मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन किया जाता है तो वह उसे अपना समर्थन देंगे. हजारे ने एमवीए सरकार के मंदिरों को फिर से खोलने से इनकार करने पर सवाल उठाया और इसके लिए उन्होंने शराब की दुकानों के बाहर लगी “लंबी कतार” की ओर इशारा करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया.
अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में शनिवार को हजारे ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाले कुछ लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी. उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? लोगों के लिए मंदिर खोलने में राज्य सरकार को क्या खतरा दिखता है? अगर कोविड-19 कारण है, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों हैं.’
84 वर्षीय हजारे ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अपने समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे कहा कि अगर वे मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे तो वह उनके साथ रहेंगे. कोविड-19 कारण है, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों हैं. 84 वर्षीय हजारे ने कहा कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को अपने समर्थन का आश्वासन दिया और उनसे कहा कि अगर वे मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे तो वह उनके साथ रहेंगे. साभार- न्यूज़18
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