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जालौन में पुलिस ने सारे दस्तावेज होने के बावजूद एक व्यापारी का वाहन रोक लिया और उस पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। इस मामले में व्यापारी ने हाई कोर्ट से न्याय किए जाने की गुहार लगाई थी।
जालौन व्यापारियों से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए प्रदेश के अपर मुख्य सचिव के साथ जालौन के पुलिस अधीक्षक को तलब किया। अदालत ने पूरे प्रकरण में दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलबंन की कार्यवाही की है। इसमें एक इंस्पेक्टर के साथ दो सब इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है।
बुधवार को हाई कोर्ट के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी अदालत में तलब हुए थे। न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने जालौन के व्यापारी विशाल गुप्ता के याचिका पर पुलिस अधीक्षक जालौन रवि कुमार और थाना नदीगांव के उपनिरीक्षक केदार सिंह को तलब किया था।
फर्जी तरीके से व्यापारी पर हुआ मुकदमा
हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस व्यापारियों के खिलाफ मनमानी कर रही है। उनके ऊपर फर्जी तरीके से धोखाधड़ी के मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। 20 फरवरी को दर्ज कराई गई याचिका के खिलाफ सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पान मसाला व्यापारी ट्रक पर सुपारी और तंबाकू लेकर जा रहा था। तभी तत्कालीन सब इंस्पेक्टर ने वाहन रोक लिया। सारे दस्तावेज होने के बावजूद पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
मामले में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और जालौन के पुलिस अधीक्षक ने हलफनामा देते हुए बताया कि दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई और व्यापारी को पूरे मामले में राहत मिली है। पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने बताया कि व्यापारी विशाल गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए तत्कालीन इंस्पेक्टर व दो दरोगा को निलंबित किया गया है। साभार-नवभारत टाइम्स
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