New Scrap Policy 2021: अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सड़कों पर 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहन नहीं दौड़ सकेंगे. दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से अब 10 व 15 साल पुराने इन वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली गई है.
नई दिल्ली. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को कम करने और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों के अनुपालन में अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सड़कों पर 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहन नहीं दौड़ सकेंगे. दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से अब 10 व 15 साल पुराने इन वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली गई है.
दिल्ली सरकार की ओर से इस संबंध में सार्वजनिक सूचना संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं. दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए इस तरह की सार्वजनिक सूचना के आदेश को केंद्र सरकार (Central Government) की नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी के साथ भी जोड़कर देखा जा रहा है.
बताते चलें कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) और सुप्रीम कोर्ट की ओर से समय-समय पर केंद्र और दिल्ली सरकार (Delhi Government) को फटकार भी लगाई जाती रही है. साथ ही रिपोर्ट भी तलब की जाती रही है कि आखिर सरकारों की ओर से वायु प्रदूषण (Air Pollution) से निपटने के लिए किस तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं.
पुराने वाहन बन रहे हैं राजधानी में वायु प्रदूषण के बड़े कारक
दिल्ली में वायु प्रदूषण का बड़ा कारक पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहन भी माने जाते रहे हैं. इस सभी को देखते हुए अब दिल्ली सरकार ने 10 साल और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैसला किया है. सरकार का भी मानना है कि दिल्ली में पुराने वाहनों के परिचालन से वायु प्रदूषण का लेवल काफी बढ़ जाता है और यह आमतौर पर राजधानी की आबोहवा को खराब करता रहता है.
NGT और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का किया जा रहा अनुपालन
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से इस दिशा में जारी की गई सार्वजनिक सूचना में साफ और स्पष्ट कहा गया है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से 7 अप्रैल, 2015 को पुरानी गाड़ियों के परिचालन को लेकर आदेश जारी किया गया था. इसी संदर्भ में 29 अक्टूबर, 2018 को भी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था. परिवहन विभाग ने इन दोनों आदेशों के मद्देनजर ही अब 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिचालित होने पर प्रतिबंध लगाया है.
दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ओर से जारी किए गए नए आदेश के मुताबिक अब सभी कैटेगरी के वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की समय सीमा को 15 साल निर्धारित किया गया है. वहीं, 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को सड़कों पर नहीं चलने देने का फैसला भी इसमें किया गया है.
इस बीच देखा जाए तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से पिछले आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया था कि अगर कोई निर्देशों का उल्लंघन करता है तो वाहन को जब्त किया जा सकता है. केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से जारी की गई नई स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत भी यह फैसला किया गया है कि इन पुराने वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा.
स्क्रैप पॉलिसी की बात की जाए तो प्राईवेट व्हीकल को 20 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल को 15 साल बाद ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट कराना होगा. इस टेस्ट को पास न करने वाले व्हीकल्स को चलाने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही ऐसे व्हीकल्स को जब्त किया जाएगा. वहीं, जो व्हीकल्स फिटनेस टेस्ट पास करेंगे, उसे चलाने की अनुमति दी जाएगी. और अनफिट व्हीकल्स को स्क्रैप पॉलिसी के तहत कबाड़ में भेज दिया जाएगा.
पुराने वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत लाने की सलाह
सरकार ने पुरानी गाड़ियों के मालिकों को अब सलाह दी है कि वह इनको सड़कों पर ना उतार कर स्क्रैप पॉलिसी के तहत लाने का काम करें. दिल्ली सरकार (Delhi Government) के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट (Transport Department) ने वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए ऑथराइज स्क्रैप एजेंसी की भी लिस्ट तैयार की हैं.
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की ओर से स्क्रैपर की लिस्ट भी जारी की है, जहां डिटेल सूची देखी जा सकती है, जो वाहन मालिक इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनके वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा और मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
फिटनेस टेस्ट में पास होने पर पुराने वाहनों को कराना होगा फिर से रजिस्ट्रेशन
केंद्र की ओर से जारी की गई नई स्क्रैप पॉलिसी-2021 (New Scrap Policy-2021) के अंतर्गत वाहनों को फिटनेस टेस्ट (Fitness Test) कराना होगा. यह नियम पुराने वाहनों पर भी लागू होगा. फिटनेस टेस्ट में जो वाहन पास हो जाएंगे उनको दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पुनः रजिस्ट्रेशन (Re-Registration) की फीस वर्तमान की तुलना में 10 गुना तक ज्यादा अदा करनी होगी. दिल्ली में 20 साल पुराने वाहनों की संख्या 36.14 लाख है जिनको सड़कों पर आने से रोका जाएगा.
देश भर में 20 साल से ज्यादा पुराने 2.14 करोड़ वाहन
इस बीच देखा जाए तो पुराने वाहनों का मामला संसद (Parliament) के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में भी उठाया गया था. लोक सभा (Lok Sabha) की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने सदन को अवगत कराते हुए जानकारी दी थी कि देश भर में कुल 2.14 करोड़ ऐसे वाहन हैं जो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं.
कर्नाटक राज्य में हैं 20 साल से पुराने सबसे ज्यादा 39.48 लाख वाहन
देश में 20 साल से पुराने सबसे ज्यादा 39.48 लाख वाहन कर्नाटक राज्य में है. इसके बाद देश की राजधानी दिल्ली इस मामले में सेकंड नंबर पर है जहां 36.14 लाख वाहन 20 साल से ज्यादा पुराने हैं. वहीं, दिल्ली से सटे राज्य उत्तर प्रदेश में भी 20 साल पुराने वाहनों की संख्या 26.20 लाख, और केरल में 20.67 लाख, तमिलनाडु में 15.99 लाख और पंजाब में 15.32 लाख हैं. साभार- न्यूज़18
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