पढ़िये दैनिक जागरण की ये खास खबर….
तालिबान ने कहा है कि लड़ाकों को महिलाओं को सम्मान करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। तालिबान का यह बयान ऐसे समय आया है जब उनका संगठन यह दावा कर रहा है कि उनके शासन में महिलाओं के साथ अच्छा और शरीयत के हिसाब से व्यवहार किया जाएगा।
वाशिंगटन, न्यूयार्क टाइम्स। तालिबान के एक प्रवक्ता ने महिलाओं को घरों के अंदर रहने का अनुरोध किया है। तालिबान प्रवक्ता ने कहा है कि तालिबानी लड़ाकों को महिलाओं को सम्मान करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। तालिबान का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनका संगठन यह दावा कर रहा है कि उनके शासन में महिलाओं के साथ अच्छा और शरीयत के हिसाब से व्यवहार किया जाएगा।
तालिबान राज में महिलाओं को काम करने की आजादी
गौरतलब है कि 1990 के दशक में जब तालिबान सत्ता में थे, तब अफगान महिलाओं को कुछ शर्तों के साथ ही घर छोड़ने की इजाजत थी। इसका उल्लंघन करने पर महिलाओं को प्रताड़ित भी किया गया था। अफगानिस्तान में तालिबान की दूसरी पारी शुरू होने से पहले उनके नेताओं ने एक प्रेस वार्ता में जोर देकर कहा कि इस बार उनका शासन पूर्व से भिन्न होगा। प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान राज में महिलाओं को काम करने की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत होगी।
मुजाहिद ने महिलाओं को घरों के अंदर रहने की दलील दी
तालिबान का यह शुरुआती संकेत आशाजनक नहीं है। प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने महिलाओं को घरों के अंदर रहने की दलील दी है। प्रवक्ता, जबीहुल्ला मुजाहिद ने इसे एक अस्थाई नीति कहा, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना है, जब तक कि तालिबान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर लेते। मुजाहिद ने कहा कि हम चिंतित हैं कि हमारे बल जो नए हैं अभी तक बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित नहीं हुए हैं। वह महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं, अल्लाह ने करे महिलाओं को नुकसान पहुंचाए या परेशान करें।
महिलाओं को घर पर ही भुगतान किया जाएगा वेतन
तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि जब तक हमारे पास एक नई प्रक्रिया नहीं है, तब तक महिलाओं को घर पर रहना चाहिए और उनका वेतन उनके घरों में भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम उन्हें स्थिति सामान्य होने तक घर पर रहने के लिए कह रहे हैं। अब यह एक सैन्य स्थिति है। उनके इस बयान को तालिबान की सांस्कृतिक मामलों की समिति के डिप्टी अहमदुल्ला वासेक की इस टिप्पणी से जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में वासेक ने द न्यूयार्क टाइम्स को बताया था कि तालिबान को कामकाजी महिलाओं के साथ कोई समस्या नहीं है, जब तक वे हिजाब पहनती हैं।
महिलाओं के हक को लेकर पहले भी बोला झूठ
ह्यूमन राइट्स वॉच में महिलाओं के अधिकारों की सहयोगी निदेशक हीथर बर्र ने कहा कि महिलाओं की आजादी को लेकर तालिबान के लिए झूठ बोलना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने पिछली बार भी अफगानिस्तान को नियंत्रित करने पर इसी तरह के दावे पेश किए थे। उस वक्त तालिबान का यह तर्क था कि सुरक्षा अच्छी नहीं है। इसलिए महिलाओं को हक के लिए इंतजार करना होगा। तालिबान ने कहा था कि महिलाएं सुरक्षा के बेहतर होने की प्रतीक्षा करें तब वह अधिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम होंगी। बर्र ने कहा कि वे जब तक सत्ता में रहे वह क्षण अफगानिस्तान में कभी नहीं आया। उन्होंने कहा मैं इस बात को दावे के साथ कह सकती हूं कि आज यह सुनकर अफगान महिलाएं सोच रही हैं कि यह इस बार भी कभी नहीं आएगा।
एक प्रणाली की तर्ज पर काम कर रहे हैं तालिबान
एमनेस्टी इंटरनेशनल के एक वरिष्ठ सलाहकार ब्रायन कास्टनर ने कहा कि अगर तालिबान महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार करना चाहता है, तो उन्हें अपनी लड़ाकों को पीछे हटाना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि तालिबान अपने वादे को पूरा करने का इरादा रखता है। कास्टनर ने कहा अगर कोई तालिबानी लड़ाका मानवाधिकारों का हनन या उल्लंघन करता है, तो यह एक तरह की हिंसा है। उन्होंने कहा कि तालिबान लड़ाके व्यवस्थित तरीके से लोगों के घरों में जा रहा हैं। वह लोगों की और घरों की तलाशी ले रहे हैं। यह एक अनियंत्रित लड़ाके नहीं हैं, जो अप्रशिक्षित है, बल्कि यह एक काम करने की प्रणाली है, जिसकी तर्ज पर वह काम कर रहे हैं। साभार-दैनिक जागरण
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें। हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post