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साहिबाबाद। राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कब्जा करके यूपी गेट पर करीब साढ़े आठ माह से धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों का कृषि कानूनों से कोई लेनादेना नहीं है। प्रदर्शनकारी सिर्फ अपनी व अपनों की राजनीति चमकाने में जुटे हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का मीडिया का काम देखने वाले दो राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच हुए विवाद से इसकी तस्दीक हो रही है।
लंबे समय से चल रहा खींचातान
यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन की अगुवाई भाकियू कर रहा है। इसके राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा और मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक यहां की गतिविधियों की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हैं। प्रेस विज्ञप्ति जारी करने को लेकर दोनों पदाधिकारियों में काफी समय से खींचातन चल रहा है। शमशेर राणा का आरोप है कि धर्मेंद्र मलिक उन पर प्रेस विज्ञप्ति नहीं जारी करने का दबाव बनाते हैं। इसको लेकर कई बार धमकी दे चुके हैं। 14 अगस्त को तो पानी सिर से ऊपर चढ़ गया। धर्मेंद्र मलिक ने उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे डाली। उन्होंने बृहस्पतिवार को इसकी कौशांबी थाने में लिखित शिकायत दी।
अपनों को चमकाने की राजनीति
चर्चा है कि शमशेर राणा और धर्मेंद्र मलिक के बीच प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का विवाद नहीं है। मुख्य विवाद खुद और अपनों को मीडिया में चमकाना है। आरोप है कि धर्मेंद्र मलिक अपना और अपने जानने वाले नेताओं का नाम मीडिया में देना चाहते हैं, ताकि वह सभी चमकते रहें। शमशेर राणा ऐसा नहीं करते हैं। धर्मेंद्र मलिक इस संबंध में कुछ भी नहीं कहना चाह रहे हैं।
आपसी फूट
प्रदर्शनकारी शुरू से ही किसी न किसी बात को लेकर झगड़ते रहते हैं। कुछ दिनों पहले कार अंदर ले जाने को लेकर प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए थे। उसके पहले भी कई ऐसे मौके आए हैं, जब प्रदर्शनकारियों का फूट सामने आया है। वहीं, पुलिस क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि शिकायत मिली है। जांच करके उचित कार्रवाई की जाएगी।
साभार-दैनिक जागरण।
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