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फ्रीलांस पत्रकार कनिका गुप्ता 17 अगस्त को भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर से हिंडन एयरबेस गाजियाबाद पहुंची हैं।
तीन महीने तक अफगानिस्तान रहकर गाजियाबाद की कनिका गुप्ता 17 अगस्त को भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से लौटी हैं। वह फ्रीलांस जर्नलिस्ट के रूप में काम कर रही थीं। गनी का अफगानिस्तान और अब तालिबान का कब्जा…कनिका ने इस देश को इन दोनों रूपों में देखा है। कनिका उस दिन घबराईं, जब तालिबानी उनकी तलाश करते हुए उस घर तक पहुंच गए, जहां वह ठहरी हुई थीं। उसी दिन उन्होंने भारत लौटने का फैसला कर लिया था। वह अब घर आकर बेहद रिलेक्स फील कर रही हैं।
बाहर घूमने वाली लड़कियां घरों में कैद, सोशल मीडिया से प्रोफाइल फोटो हटाए
गाजियाबाद के वैशाली की कनिका गुप्ता बताती हैं, काबुल की लड़कियां फैशनेबल हैं, इंटेलिजेंट हैं। उनको बाहर घूमना बेहद पसंद है। तालिबानियों ने कब्जा करते ही काबुल के सारे ब्यूटी पार्लरों पर पेंट करा दिया है। औरतें अब पहले की तरह बाहर नहीं दिखतीं। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। कनिका के अनुसार, तालिबान के अफगानिस्तान पर धीरे-धीरे कब्जा करने की खबर सुनते ही कंधार की महिलाएं खौफ में आ गई थीं। कनिका ने जब उनसे सिर पर चादरी ओढ़ने के लिए पूछा तो महिलाओं का कहना था कि अगर वह ऐसा नहीं करेंगी तो तालिबानी उनके सिर पर एसिड गिरा देंगे। अब जैसे ही तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा किया तो वहां की चाइल्ड राइट, वूमेन एक्टिविस्ट ने दहशत के चलते सोशल मीडिया प्रोफाइल से अपने फेस फोटो हटा लिए हैं। कुल मिलाकर तीन महीने पहले वाला अफगानिस्तान अब वैसा नहीं रहा।
मेरे फेस कवर नहीं करने के खिलाफ थे तालिबानी
कनिका ने बताया, 16 अगस्त को कुछ तालिबानी उनके उस घर पर पहुंचे, जहां वह कुछ दिनों से रह रही थीं। तालिबानियों ने उस घर में मौजूद अन्य औरतों से कनिका व उनकी फ्रेंड के बारे में पूछा। औरतों ने उन्हें बताया कि वे दोनों देश छोड़कर चली गई हैं। कनिका का कहना है कि संभवत: तालिबानी मेरे द्वारा फेस कवर नहीं करने के खिलाफ थे। वह कुछ भी कर सकते थे। इसलिए उन्होंने तभी अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला लिया और डिप्लोमेट्स, पत्रकारों, विदेश मंत्रालय के जरिये भारत आने के प्रयास में जुट गईं।
तालिबानियों ने दूतावास तक खुद किया कनिका को एस्कॉर्ट
कनिका की आंखों में वह सब तैर रहा है, जब उन्होंने तालिबानियों को पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा करते हुए देखा। बकौल कनिका, शुरुआत में उन्हें काबुल में भारतीय दूतावास तक पहुंचने में दिक्कतें आईं। तालिबानियों ने उनकी कार को चेक प्वाइंट पर रोका। वह आगे नहीं जाने दे रहे थे। दो घंटे की मशक्कत के बाद तालिबानियों ने उन्हें खुद एस्कॉर्ट करते हुए दूतावास तक छोड़ा। करीब 48 घंटे की जद्दोजहद के बाद कनिका 17 अगस्त की शाम 5.15 बजे भारतीय वायुसेना के विमान से हिंडन एयरबेस गाजियाबाद पर उतरीं। कनिका फिलहाल अपने घर में मौजूद हैं और टीवी पर तालिबान की खबरें देख रही हैं। साभार-दैनिक भास्कर
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