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गाजियाबाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) पर 20 दिन बाद से वाहन बिना किसी रुकावट के फर्राटा भरते हुए नजर आएंगे। दरअसल चिपियाना बुजुर्ग के पास रेलवे लाइन के ऊपर तैयार हो रहे पुल के 6 लेन को 31 अगस्त तक खोलने की तैयारी चल रही है। 6 लेन के खुलने से वाहन चालकों को एबीईएस कट के पास लगने वाले जाम से पूरी तरह राहत मिल जाएगी।
नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों का कहना है कि अभी 14 लेन का ट्रैफिक केवल चार लेन के पुराने पुल से गुजरता है। इस वजह से यहां पर जाम लगा रहता है, लेकिन 30 अगस्त तक एबीईएस की तरफ से 6 लेन के पुल को तैयार करके इसे पब्लिक के लिए खोल दिया जाएगा।
इस तरह जाम से मिलेगी राहत
पुल खुलने के बाद 4 लेन के पुराने पुल और 6 लेन के नये पुल से ट्रैफिक गुजरने लगेगा। इससे यहां पर लगने वाले जाम से पूरी तरह से राहत मिल जाएगी। फिर दूसरी तरफ वाले हिस्से पर काम खत्म किए जाने पर जोर दिया जाएगा। जिसे दो से तीन महीने के अंजक पूरा कर लिया जाएगा।
16 लेन का पुल हो रहा तैयार
14 लेन के ट्रैफिक के लिए 16 लेन का पुल तैयार किया जा रहा है। दो लेन इसलिए अधिक रखा गया है ताकि भविष्य में अगर एनएच-9 को एक-एक लेन दोनों तरफ और चौड़ा किया जाए तो पुल की वजह से किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
सुबह और शाम के समय बहुत दिक्कत
अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर चलने वाले ट्रैफिक को सुबह और शाम के समय एबीईएस कट के पास काफी जाम का सामना करना पड़ता है। सुबह 8 बजे से 11 बजे तक पूरी तरह से इस हिस्से में जाम की स्थिति बनी रहती है। वहीं शाम को 5 बजे से रात के 9 बजे तक वाहन घंटों फंसे रहते हैं। बीस से 25 मिनट में 500 मीटर की दूरी वाहन चालक तय कर पाते हैं।
बम्हेटा अंडरपास पर होती है दिक्कत
बम्हेटा के पास अलग-अलग दिशा से आने वाले वाहनों के निकलने के लिए एक ही अंडरपास बना हुआ है। यहां पर दोनों तरफ के वाहन एक साथ जब निकलते हैं तो कुछ गलत दिशा में चले जाते हैं। इसे रोकने के लिए शनिवार को एनएचएआई ने इसे वनवे कर दिया था, लेकिन शाम तक डायमंड फ्लाईओवर से आने वाले वाहनों का लंबा जाम लग गया। फिर ट्रैफिक पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एनएचएआई के वन वे को खत्म करके ट्रैफिक को खोल दिया।
औपचारिक उद्घाटन की चल रही है तैयारी
इस प्रॉजेक्ट को अप्रैल में जरूर पब्लिक के लिए खोल दिया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि अक्टूबर के अंत तक इसके औपचारिक उद्घाटन की तैयारी की जा रही है। इस प्रॉजेक्ट के डासना से हापुड़ वाले हिस्से का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कर चुके हैं। बाकी हिस्से (डासना से मेरठ के बीच) का उद्घाटन भी उन्हीं के द्वारा करवाए जाने की तैयारी है।
अधिकारियों की ओर से पुल के 6 लेन को खोलने के दावों की हकीकत जानने के लिए एनबीटी रिपोर्टर ने मौके पर जाकर पड़ताल की। इस दौरान हमें स्थिति संतोषजनक मिली। एबीईएस साइड बनाए जाने वाले पुल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। गर्डर लॉन्च किए जाने के साथ ही साथ इस पर स्लैब भी पड़ चुकी है। एक तरफ का अप्रोच रोड भी तैयार है। जबकि दूसरी तरफ अप्रोच रोड तैयार किया जा रहा है।
20 अगस्त तक इसे पूरा किए जाने का दावा किया जा रहा है। 30 अगस्त तक ट्रैफिक को डायवर्ट करके पुराने और नए पुल से निकाला जाएगा। जिससे जाम की नौबत खत्म हो जाए। वहीं बाकी दूसरे हिस्से में पुल बनाए जाने का काम चल रहा है। उसे पूरा करने में तीन महीने से अधिक का समय लग सकता है।
प्रॉजेक्ट पर एक नजर
82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे दिल्ली को पश्चिमी उत्तर प्रदेश (यूपी) में मेरठ से जोड़ता है। परियोजना पर 8,346 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना का चार हिस्से में निर्माण किया गया है। पहले हिस्से में 8.72 किमी लंबा 6-लेन एक्सप्रेसवे और 8-लेन एनएच-9 दिल्ली में सराय काले खान से गाजीपुर सीमा तक शामिल है, जो जून 2018 में पूरा हुआ। परियोजना का दूसरा हिस्सा 19.28 किमी लंबा 6-लेन एक्सप्रेसवे, 8-लेन एनएच-9 गाजीपुर सीमा से यूपी में डासना तक है। तीसरे पैकेज में 22.23 किमी लंबा 6-लेन एनएच-9 शामिल है, जिसमें 2 + 2 लेन सर्विस रोड हैं डासना से हापुड़ तक दोनों तरफ। चौथा पैकेज डासना से मेरठ तक 31.78 किमी लंबा ग्रीनफील्ड 6-लेन एक्सप्रेसवे है। साभार-नवभारत टाइम्स
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