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हिमाचल प्रदेश में कैंसर मरीजों की जांच करने के लिए एक भी पैट स्कैन मशीन की सुविधा नहीं है। मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पैट स्कैन मशीन लगाने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो महीने के भीतर पैट स्कैन मशीन लगाने की जानकारी दी गई थी। लेकिन अभी तक यह मशीन स्थापित नहीं हो पाई है। ऐसे में प्रदेश के कैंसर मरीजों को चंडीगढ़, लुधियाना व प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में पैट स्कैन करवाने के लिए जाना पड़ता है।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रामलाल ठाकुर ने सवाल किया कि तीन मार्च 2021 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार ने क्या सभी टेस्ट मुक्त कर दिए हैं। उनका कहना था कि उनके विधानसभा क्षेत्र श्रीनयना देवी जी में जो सीएचसी और दूसरे अस्पताल हैं, अधिकांश में एक्सरे मशीनें खराब पड़ी हुई हैं। ऐसे में डॉक्टर निजी नर्सिंग होम, लैब में टेस्ट करने के लिए भेजते हैं। जहां पर मरीजों से 300 से लेकर 500 रुपये वसूले जाते हैं।
स सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर राजीव सैजल ने कहा प्रदेश में पैट स्कैन मशीन अभी तक स्थापित नहीं हो पाई है, क्योंकि एफआरए की स्वीकृति नहीं मिली है। जिस कारण समस्या आ रही है, सरकार पैट स्कैन मशीन लगाने के लिए प्रयासरत है और शीघ्र ही यहां मशीन लगा दी जाएगी।
उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि हिम केयर योजना के तहत गरीब एवं पात्र लोगों के सभी प्रकार के टेस्ट निशुल्क होते हैं। इसी सवाल में अनुपूरक जानकारी रखते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा पैट स्कैन मशीन खरीदने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने 10 करोड़ का बजट रखा था। लेकिन अभी तक यह मशीन नहीं लग पाई है। इस समय प्रदेश के 12 अस्पतालों में सीटी स्कैन और 72 अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है।
साभार-दैनिक जागरण।
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