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उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले में मुस्लिम समुदाय के एक ही परिवार के 19 लोगों ने सोमवार को मंदिर में पूजा-अर्चना और हवन करके हिन्दू धर्म को अपना लिया. इन लोगों का कहना है कि क़रीब 12 साल पहले इन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया था, लेकिन अब वे फिर से हिन्दू धर्म में वापसी कर रहे हैं.
शामली ज़िले के कांधला के मोहल्ला राय जदगान निवासी शहज़ाद ने अपने तीन परिवारों के साथ कांधला के महाभारत कालीन सूरजकुंड मंदिर पहुंचकर वहां मंदिर प्रांगण में आयोजित शुद्धि हवन यज्ञ में हिस्सा लिया. इसके बाद तीनों मुस्लिम परिवारों ने सनातन धर्म में वापसी की.
इसी इलाक़े में रहने वाले मोहम्मद उमर और उनके परिवार के 18 लोगों ने हिन्दू धर्म अपना लिया. इन लोगों ने सूरजकुंड मंदिर पहुंचकर वहां आयोजित शुद्धि यज्ञ में हिस्सा लिया और फिर हिन्दू धर्म में वापसी की.
उमर के बेटे राशिद ने बीबीसी को बताया, “बारह साल पहले मेरे पिता ने परिवार सहित मुस्लिम धर्म अपना लिया था. हमें तब पता नहीं था. हम लोगों को धोखे में रखकर हमारा धर्म परिवर्तन कराया गया था. हमें डराया धमकाया भी गया था. लेकिन अब हम सबने पूरे परिवार के साथ हिंदू धर्म में वापसी करने का निर्णय लिया है.”
स्थानीय पत्रकार शरद मलिक ने बताया कि ये सभी लोग बंजारा समुदाय के हैं. इनकी हिन्दू धर्म में कथित घरवापसी मुज़फ़्फ़रनगर स्थित बघरा के रहने वाले महंत जसवीर महाराज ने कराई है. शरद मलिक के मुताबिक, ये लोग महंत के संपर्क में काफ़ी दिनों से थे. इस्लाम धर्म त्यागकर हिन्दू अपनाने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
शामली की ज़िलाधिकारी जसजीत कौर का कहना है कि प्रशासन को इस बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन दो लोग कुछ दिन पहले एसडीएम दफ़्तर यह जानने आए थे कि दस्तावेज़ों में नाम बदलवाने की क्या प्रक्रिया है.
बीबीसी से बातचीत में डीएम जसजीत कौर कहती हैं, “हमें आज ही पता चला है कि 18-19 लोगों ने इस्लाम से हिन्दू धर्म में परिवर्तन कर लिया है. कुछ दिन पहले एक पति-पत्नी एसडीएम दफ़्तर आए थे और दस्तावेज़ों में नाम बदलवाने की प्रक्रिया पूछ रहे थे. उन्हें वह बता दिया गया था. आज पता चला है कि कई लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है.”
“इलाक़े के एसडीएम और एसएचओ उन परिवारों के संपर्क में हैं. चूंकि स्वेच्छा से कोई भी धर्म बदल सकता है, पर यदि कोई शिकायत करता है कि उन पर किसी ने इसके लिए दबाव डाला है या धमकी दी है तो हम उन्हें सुरक्षा देंगे. वैसे इस बारे में हम और जानकारी जुटा रहे हैं.”
वहीं महंत जसवीर महाराज का कहना है कि उनके संपर्क में ऐसे तमाम लोग हैं, जो दोबारा घरवापसी करना चाहते हैं. बीबीसी से बातचीत में महंत जसवीर महाराज ने कहा, “बंजारा बिरादरी के इन लोगों को डरा धमकाकर इस्लाम धर्म अपनाने पर मजबूर कर दिया गया था. जब हमने इनके सामने अपने विचार रखे तो बात इन लोगों की समझ में आ गई और इन लोगों ने दोबारा हिन्दू धर्म में वापसी की इच्छा जताई.”
“आज इन्हें फिर से हिन्दू धर्म में दीक्षित कर दिया गया है. यहां पर सभी का रक्त एक है चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान. हिंदू गुर्जर भी चौहान लिखते हैं और मुस्लिम गुर्जर भी चौहान लिखते हैं.”
हालांकि धर्म परिवर्तन करने वाले ये सभी लोग यह नहीं बताना चाहते कि उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए किसने विवश किया था या फिर किसने डराया- धमकाया था. हिन्दू धर्म में दोबारा दीक्षित होने के बाद सभी लोगों ने अपने नाम भी बदल लिए हैं. हालांकि शुद्धीकरण के दौरान बताए गए मंत्रों का जाप करना कई लोग सीख रहे हैं. कुछ लोगों को ज़रूर गायत्री मंत्र याद हो गया है.
शरद मलिक बताते हैं कि हिंदू धर्म में वापसी कराने के लिए सोमवार को कांधला स्थित सूरजकुंड मंदिर में एक कार्यक्रम रखा गया था और महंत ने ख़ुद ही कई पत्रकारों को यह जानकारी दी थी. इस मौक़े पर विश्व हिन्दू परिषद के भी कई लोग मौजूद थे.
‘शव न दफ़नाने देने पर बने थे मुसलमान’
इमराना से अनीता बनी एक महिला का इस पूरे मामले में कहना था, “पहले हमारे धर्म में मरने वाले को दफ़नाते थे. हिंदू लोग हमारे मरने वालों को दफ़नाने नहीं देते थे, इसलिए हमने 12 साल पहले मुस्लिम धर्म अपना लिया था. लेकिन अब हमने दोबारा हिंदू धर्म में वापसी की है. हम सभी लोगों ने खुशी से और अपनी मर्ज़ी से घर वापसी की है. किसी का कोई दबाव नहीं है. हम तीन परिवारों के कुल 19 लोगों ने हिन्दू धर्म दोबारा अपनाया है, जिसमें बड़े भी हैं और बच्चे भी.”
शामली में पिछले हफ़्ते एक मुसलमान दंपती ने तहसील परिसर में पहुंचकर दोबारा हिंदू धर्म में लौटने संबंधी प्रार्थना पत्र दिया था. उन्होंने अधिकारियों को शपथ पत्र सौंपते हुए बताया कि वे अब राशिद से विकास और मंजू बानो से संजू के रूप में नाम बदलकर हिन्दू धर्म में लौट आए हैं. शरद मलिक के मुताबिक, सोमवार को महंत जसवीर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में ये दोनों लोग भी शामिल थे.
शरद मलिक का कहना है कि महंत जसवीर साल 2015 में पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित बयान देकर चर्चा में आए थे और धर्म परिवर्तन को लेकर अक्सर इस्लाम धर्म को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं. साभार-बीबीसी न्यूज़ हिंदी
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