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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसान मोर्चा के काबू में नहीं आ रही है। जिसको 500 से ज्यादा संगठनों का समर्थन मिला हुआ है। किसी एक संगठन के काबू में सरकार नहीं आएगी। सब को संगठित होना पड़ेगा।
नई दिल्ली, मोदीनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसान मोर्चा के काबू में नहीं आ रही है। जिसको 500 से ज्यादा संगठनों का समर्थन मिला हुआ है। किसी एक संगठन के काबू में सरकार नहीं आएगी। सब को संगठित होना पड़ेगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ है उन सभी को एक समान मुआवजा मिलना चाहिए, यह किसानों का हक है। इसी के साथ राकेश टिकैत ने कहा गाजीपुर बॉर्डर पर जो लोग धरना प्रदर्शन में शामिल है उनको दूध की जरूरत पड़ेगी इसलिए आसपास के लोग सहयोग करें। उन्होंने फिर एक बार ये बात कही कि सरकार को दिमागी बुखार है। इससे पहले भी कई मंचों पर वो इस बात को कह चुके हैं।
उन्होंने मंच से बोला कि एमएसपी का सबसे बड़ा घोटाला रामपुर में पकड़ा गया है। सरकार के व्यापारी साथी इनको एमएसपी पर कानून नहीं लाने दे रहे हैं। मोदीनगर में किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में आंदोलन को 9 माह हो चुके हैं। अब किसान को आदत पड़ चुकी है। सर्दी में रहा, बरसात में रहा, अब किसान पीछे हटने वाला नहीं है। पूरी दुनिया का किसान आज ट्रैक्टर चलाना सीख गया। हमारे समर्थन में विदेशों में भी आंदोलन हो रहे हैं। केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि सरकार भाजपा की नहीं है बल्कि मोदी की है।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने भाजपा पार्टी बनाई वे घरों में बंद है। स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करने का आश्वासन दिया था लेकिन नहीं की गई। यह भी जुमलेबाजी थी। मोदी सरकार को बड़ी बड़ी कंपनियां चला रही हैं। अदानी, अंबानी, गुजरात मॉडल देश में लाना चाहते हैं। उसके पूरे कागजात हमारे पास में आ जाएंगे गुजरात मे हमारी बहुत लोगों से बात हुई है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और बुरा होने वाला है। पूरे देश की जमीने बड़ी-बड़ी कंपनियां खरीदेंगी, किसान सड़क पर आ जाएगा। अपनी ही जमीन में मजदूर बनकर हमको काम करना होगा। नस्ल और फसल बचाने के लिए हमको लड़ना होगा बहुत सारे बदलाव होने हैं। बिजली अमेंडमेंट बिल भी अभी आने वाला है।
उन्होंने कहा कि पहले भाजपा पहले मुसलमानों को खतरनाक बताती थी अब वो सरदारों को खतरनाक बता रही हैं। इसी के साथ उन्होंने पहली बार एक नई बात कही। मोदीनगर में उन्होंने स्कूल में पढ़ाने वाले टीचरों और पुलिस में तैनात लोगों की तुलना की। कहा कि स्कूल के मास्टर की ड्यूटी 20 घंटे की महीने में रहती है और पुलिस वाले 24 घंटे ड्यूटी देते हैं। ऐसे में पुलिस वालों की तनख्वाह भी दोगुनी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिसकर्मियों का शोषण कर रही है।
राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपनी भूमिका सही से अदा नहीं की। विपक्ष को भाजपा सरकार के खिलाफ बोलना चाहिए था। अब जनता इनसे जवाब मांग रही है तो यह कुछ हरकत में आए हैं। इससे पहले विरोध भी नहीं दिखता था।
उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन सरकार ले रही है उनको या तो एक्सप्रेस वे पर सर्विस रोड मिलेगा नहीं तो किसान मिलकर अपना गांव कट अभियान चलाएगा। एक्सप्रेस वे बन जाने की वजह से किसान उस हाइवे से ही कट जाते हैं इसलिए यदि मांग न पूरी हुई तो ऐसा अभियान चलाया जाएगा। साभार-दैनिक जागरण
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