पढ़िये दैनिक जागरण की ये खास खबर….
Black magic बिहार के दिलीप चौधरी की पत्नी को चार संतान पहले से था। उसे पांचवां संतान चाहिए था। खगड़िया के मधुरा के झाड़-फूंक करने वाला परवेज के कहने पर मासूम का निकाली गई थी आंख। पांचवें दिन पुलिस ने हत्या का किया पर्दाफाश चार गिरफ्तार।
मुंगेर। फियाबाद ओपी क्षेत्र के परहम की एक महिला बच्चे की चाहत में झाड़-फूंक करने वाले के झांसे में इस कदर फंसी की बहकावे में आकर फरदा टोले के पवन चौधरी की आठ वर्षीय बच्ची की जान ले ली। दिलीप चौधरी की पत्नी को पांचवां बच्चा चाहिए था। एक वर्ष से खगड़िया के मधुरा में झाड़-फूंक करने वाला परवेज आलम के संपर्क में था। दिलीप पत्नी को लेकर परवेज के पास बराबर जाता था। परवेज ने पहले दिलीप से रेहू मछली के आंख की बलि मांगा फिर इसके बाद मुर्गा के आंख का। हालांकि उसे चार बच्चा पहले से था।
इसके बाद भी दिलीप की पत्नी को पांचवां बच्चा चाहिए था। परवेज ने गर्भ नहीं ठहरने पर 10 वर्ष के लड़का या लड़की के आंख की बलि मांगा। उनकी सलाह के बाद दिलीप 10 वर्ष की उम्र के बच्चे की तलाश में जुट गया। चार अगस्त की दोपहर दिलीप ईंट-भट्ठे के पास दोस्त तनवीर के मुर्गा फार्म पर पहुंचा। वहां पहले से दशरथ कुमार भी मौजूद था। दिलीप ने परेवज की बात दोस्तों को बताया। सभी ने वहां भोजन करने के बाद नशा भी किया। इस बीच खेत से गांव जा रही बच्ची पर दिलीप की नजर पड़ी। दिलीप ने बच्ची को चाकलेट के बहाने बच्ची को पास बुलाया।
मुर्गी फार्म में ले जाकर पिटाई की, इसमें बच्ची बेहोश गई। बच्ची को घसीटा गया। इसमें हाथ के नाखून भी टूट गए। रात 12 बजे बजे के बाद तीनों ने बच्ची की गला दबाकर हत्या की। लकड़ी से दायें आंख को निकाला। सभी दूसरी आंख भी निकालनी चाही, लेकिन सफलता नहीं मिली। बायें आंख को क्षतिग्रस्त कर दिया। बच्ची की आंख निकालने के बाद दिलीप के कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर उसमें आंख को लपेट दिया। पांच अगस्त को परवेज के पास मधुरा पहुंच गया। परवजे ने पहले आंख को आग में जलाकर बलि दिया। खूनी कपड़े में आग की राख का ताबिज बनाकर दिलीप की पत्नी को पहनाने को कहा।
परवेज सहित चार आरोपित गिरफ्तार
एसपी जगुन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि इस मामले में खगडि़या के झाड़-फूंक करने वाला परवेज आलम सहित सभी चार आरोपित को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बच्ची के खून लगे कपड़े में बंधे ताबिज बरामद किया है। घटना को अंजाम परवेज के कहने के पर दिया गया था। मामले की जांच के लिए एसपी ने एसडीपीओ नंद जी प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया था। इस मामले में एक दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी। इसमें पुलिस को कुछ क्लू मिले। पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान के क्रम में पूरी घटना क्रम का पर्दाफाश कर दिया। बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा पहले ही हो गया था। टीम में शामिल सभी पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। साभार-दैनिक जागरण
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