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केरल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ”पत्नी के शरीर को पति द्वारा अपनी संपत्ति समझना और उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना वैवाहिक बलात्कार है
कोच्चि: केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने कहा है कि पत्नी के शरीर को पति द्वारा अपनी संपत्ति समझना और उसकी इच्छा के विरुद्ध यौन संबंध बनाना (treating the body of the wife as his property by the husband and having sex against his will amounts to marital rape) वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) है. अदालत ने पारिवारिक न्यायालय के तलाक की मंजूरी देने के फैसले को चुनौती देने वाली एक व्यक्ति की दो अपीलें खारिज करते हुए यह टिप्पणी की.Also Read – देश के वो 5 राज्य जहां दर्ज हुए रेप के सबसे अधिक केस, पहले पर मध्य प्रदेश, तीसरे पर यूपी
न्यायमूर्ति ए. मोहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने कहा कि शादी और तलाक धर्मनिरपेक्ष कानून के तहत होने चाहिए और देश के विवाह कानून को फिर से बनाने का समय आ गया है. Also Read – 12 साल की लड़की ने जन्मा बच्चा, 24 साल के बॉयफ्रेंड से माँ ने ही रिलेशन बनवाए, अब…
कोर्ट ने पाया कि पति अपनी पत्नी के साथ पैसे कमाने की मशीन की तरह व्यवहार करता था और पत्नी ने विवाह की खातिर उत्पीड़न को सहन किया, लेकिन जब उत्पीड़न और क्रूरता बर्दाश्त से परे पहुंच गई, तो उसने तलाक के लिए याचिका दायर करने का फैसला किया था. Also Read – विधवा के युवक से बने संबंध, भीड़ ने महिला को दी ऐसी सजा, सरेआम कपड़े…
साभार-इंडिया डॉट कॉम
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