पाकिस्तान में नापाक हरकत:कट्टरपंथियों ने गणेश मंदिर तोड़ा, मूर्तियों को खंडित किया; वीडियो वायरल होने के बाद भी स्थानीय सरकार ने साधी चुप्पी

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पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने भोंग के स्थानीय हिंदू मंदिर में जमकर तोड़फोड़ की. तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।

पाकिस्तान में एक बार फिर कट्टरपंथियों ने मंदिर को निशाना बनाया है। ताजा मामला पंजाब के भोंग शहर का है। दिनदहाड़े मजहबी उन्मादियों ने स्थानीय गणेश मंदिर को निशाना बनाया। मंदिर में तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में साफतौर पर नजर आ रहा है कि पाकिस्तान में किस कदर अल्पसंख्यकों को कुचला जा रहा है, उनकी धार्मिक आजादी की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

मूर्तियों को किया खंडित
कट्टरपंथियों ने मंदिर को बुरी तरह तहस-नहस कर दिया। मूर्तियों को भी खंडित करने से नहीं हिचके। झूमर और कांच की सजावट को भी तोड़ डाला। मंदिर पर हुए इस हमले के बाद स्थानीय हिंदुओं में खासा रोष है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन मामले की लीपापोती करने में जुटा है। अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है। जबकि वीडियो में सभी हमलावरों के चेहरे साफ-साफ नजर आ रहे हैं।

PTI ने की हमले की निंदा
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के नेता और हिंदू पंचायत के संरक्षक जय कुमार धीरानी ने इस हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘जिले के भोंग शरीफ में मंदिर पर हुए इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह हमला पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है। मैं अधिकारियों से दोषियों को सलाखों के पीछे डालने का अनुरोध करता हूं।’

अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे हमले
पाकिस्तान में हाल के दिनों में कट्टरपंथियों के हमले बढ़ गए हैं। खासतौर पर कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान हिंदू लड़कियों के अपहरण की वारदातें आम हो गई हैं। लड़कियों को अगवा कर कट्टरपंथी दोगुने से भी ज्यादा उम्र के मुसलमानों से जबरन उनकी शादी करवा देते हैं। जुबान खोलने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं।

1947 में पाकिस्तान में थे 428 बड़े मंदिर
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वे के मुताबिक बंटवारे के वक्त पड़ोसी देश में कुल 428 बड़े मंदिर थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। मंदिरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया। दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल्स, दफ्तर, सरकारी स्कूल या फिर मदरसे खोल दिए गए। आज आलम ये है कि यहां सिर्फ 20 बड़े मंदिर बचे हैं।

3 फीसदी से भी कम बचे हैं हिंदू
बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग 15 फीसदी थी। हुकूमत की दमनकारी नीतियों और कट्टरपंथियों के हमलों से यह आंकड़ा लगातार कम होता चला गया। जबरन धर्म परिवर्तन इसकी सबसे बड़ी वजह रही है। जो हिंदू बचे हैं उन्हें लगातार कट्टरपंथियों के हमले झेलने पड़ रहे हैं। आज स्थिति यह है कि यहां 3 फीसदी से भी कम हिंदू आबादी बची है।साभार-दैनिक भास्कर

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