भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए जरूरी सभी दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन को सौंप दिए हैं और उसे जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश के अनुसार ईयूएल प्रक्रियाओं को दुरूस्त करने की एक प्रक्रिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत बायोटेक ने सोमवार को कहा कि उसने अपने कोविड-19 टीका कोवैक्सीन के आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए जरूरी सभी दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सौंप दिए हैं और उसे जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। पिछले सप्ताह, डब्ल्यूएचओ की प्रमुख विज्ञानी सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ चार से छह सप्ताह के भीतर आपातकालीन उपयोग सूची में कोवैक्सिन को शामिल करने पर निर्णय ले सकता है।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्ण एला ने एक ट्वीट में कहा, ‘कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग सूचीबद्धता (ईयूएल) के लिए आवश्यक सभी दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास नौ जुलाई तक जमा कर दिए गए हैं। समीक्षा प्रक्रिया शुरू हो गयी है और हमें डब्ल्यूएचओ से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।’
डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देश के अनुसार ईयूएल प्रक्रियाओं को दुरूस्त करने की एक प्रक्रिया है। इसके जरिये नए या बिना लाइसेंस वाले उत्पादों का उपयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति में किया जा सकता है। एक वैक्सीन कंपनी के लिए कोवैक्स या अंतरराष्ट्रीय खरीद जैसी वैश्विक सुविधाओं के लिए टीकों की आपूर्ति करने के लिए डब्ल्यूएचओ की ईयूएल आवश्यक होती है।
डब्ल्यूएचओ ने आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर-बायोएनटेक ( Pfizer-BioNTech), एस्ट्राजेनेका-एसके बायो/एसआईआई (AstraZeneca- SK Bio/SII), जॉनसन एंड जॉनसन जेनसेन (Johnson & Johnson Janssen), मॉडर्ना ( Moderna) और सिनोफार्म (Sinopharm) के टीकों को मंजूरी दी है।
स्वदेशी वैक्सीन ने कई देशों में फैलेकोविड -19 के डेल्टा संस्करण के खिलाफ 63.6 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है। कोवैक्सिन ने गंभीर रोगसूचक कोविड -19 के खिलाफ 93.4 प्रतिशत और बीना लक्षण वाले कोविड -19 के खिलाफ 63.6 प्रतिशत कारगर है। साभार-दैनिक जागरण
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