जूता कांड से चर्चा में आने वाले मेहदावल के विधायक राकेश सिंह के गोरखपुर आवास पर सीबीआई ने छापा मारा। उनके घर की टीम ले रही तालाशी। यूपी में रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर एक साथ कई शहरों में सीबीआई ने मारा छापा।
गोरखपुर में सीबीआई की दस्तक और बीजेपी विधायक के घर रेड की सूचना पर शहर भर में हड़कंप मच गया। फिलहाल विधायक और उनके परिवार के लोग इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग ने रिवर फ्रंट घोटाले में करीब दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यूपी में लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में छापेमारी की गई है।
2017 में दर्ज हुई थी एफआईआर
रिवरफ्रंट घोटाले समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए जिसमें छापेमारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश में 2017 में बीजेपी सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी इसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है। करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है।
एसपी शासनकाल के दौरान हुआ था घोटाला
एसपी सरकार के कार्यकाल के दौरान लखनऊ में हुए 1500 करोड़ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है। सोमवार की सुबह सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम यहां राप्तीनगर के कॉलोनी स्थित विधायक राकेश सिंह बघेल के आवास पहुंचे। उनके साथ शाहपुर थाने की पुलिस भी है। विधायक के भाई अखिलेश सिंह की रिशु कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम भी रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़ा है। घोटाले में अब तक 190 से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं।
6 मार्च 2019 को संतकबीर नगर कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक शुरू हुई। मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल ने बोर्ड में अपने नाम की जगह सांसद शरद त्रिपाठी का नाम होने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य का श्रेय उन्हें मिलना चाहिए न कि सांसद को। इस पर पूर्व सांसद ने कहा कि मेंहदावल उनके संसदीय क्षेत्र में शामिल है। इसलिए बोर्ड में उनका नाम होना गलत नहीं।
इस पर इन दोनों में नोकझोंक हुआ। इसके बाद सांसद ने जूते से विधायक की पिटाई कर दी। तत्कालीन डीएम रवीश गुप्त, एएसपी असित कुमार श्रीवास्तव ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत किया था। इस घटना के बाद से ही विधायक राकेश सिंह बघेल और पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी चर्चा में आए थे।साभार-साभार-नवभारत टाइम्स
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