गोरखपुर। कोरोना से प्रभावित शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विभाग ने एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी है। सत्र-2021-22 में परिषदीय स्कूलों में ब’चों खासकर ड्रापआउट बालिकाओं को चिह्नित कर उनका अधिक से अधिक नामांकन कराने पर जोर है। इसके लिए शासन स्तर से कार्ययोजना तैयार की गई है। जिसके तहत प्रधानाध्यापकों के नेतृत्व में शिक्षक कक्षावार उन छात्राओं की सूची तैयार करेंगे, जिन्होंने किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ दी है।

शिक्षक कक्षावार ड्रापआउट छात्राओं की तैयार करेंगे सूची

विवरण तैयार करते समय छात्राओं का नाम, विवरण व उनके स्कूल छोडऩे का कारण भी शामिल करना होगा। साथ ही इन छात्राओं से निरंतर संपर्क व प्रेरित करते हुए उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोडऩा होगा। नामांकन को लेकर न सिर्फ शिक्षकों को छात्राओं के अभिभावकों से संपर्क करना होगा बल्कि उनके घरों का भ्रमण करना होगा। इस दौरान उन्हें नामांकन कराने के लिए प्रेरित करना होगा।

छात्राओं के नामांकन की यह बनी है कार्ययोजना

शिक्षक छात्राओं के माता-पिता से बात करें। दोनों का पक्ष सुनकर नामांकन के लिए प्रेरित करें।

यदि किसी छात्रा का बाल-विवाह होने, बाल श्रम में शामिल होने की सूचना प्राप्त होती है ऐसी छात्रा के अभिभावक से संपर्क विद्यालय में उसका नामांकन कराने के लिए प्रयास करें।

छात्राओं के शिक्षा एवं सशक्तीकरण पर आधारित पोस्टर का प्रदर्शन करते हुए समुदाय व माता-पिता से चर्चा की जाए।

ग्राम प्रधान से समन्वय स्थापित करते हुए ग्राम पंचायत की बैठकों में बालिकाओं की शिक्षा, ठहराव तथा बाल अधिकारों आदि मुद्दों व स्थानीय स्तर की बालिकाओं की समस्या पर प्रधानाध्यापक द्वारा विचार-विमर्श।

सत्र-2020-21

जनपद में कुल स्कूल: 2504

कुल ड्रापआउट छात्र-छात्राएं: 11009

बालक: 5484

बालिका: 5525

(6 से 14 आयु वर्ग)

शासन के निर्देश पर इस सत्र में ड्रापआउट छात्राओं के नामांकन पर विशेष जोर रहेगा। इसके लिए खंड शिक्षाधिकारियों व प्रधानाध्यापकों को निर्देश दे दिए गए हैं। – बीएन स‍िंह, बीएसए। साभार-दैनिक जागरण

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