कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक के बाद मॉडर्ना चौथी वैक्सीन है जो देशवासियों को मिलेगी। बहुत जल्द यह इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी। इस वैक्सीन को सात महीने तक स्टोर किया जा सकता है।
हाइलाइट्स:
- मॉडर्ना वैक्सीन को मिला लाइसेंस, जल्द उपलब्ध होगी
- भारत को मिलेगी कोविड की चौथी वैक्सीन
- वैक्सीन को किया जा सकता है सात महीने के लिए स्टोर
नई दिल्ली: भारत को जल्द ही कोविड की चौथी वैक्सीन भी मिल जाएगी। अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन को भारत में लाइसेंस मिल गया है। यह जल्द ही इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकेगी। मॉडर्ना वैक्सीन की भी दो डोज लगती हैं और पहली और दूसरी डोज के बीच 4 हफ्तों का गैप होता है। अभी भारत में कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक उपलब्ध हैं।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने कहा कि मॉडर्ना के इंडियन पार्टनर के जरिये उनकी एप्लिकेशन मिली थी जिसे अप्रूव कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मॉडर्ना को इमरजेंसी यूज की परमिशन मिली है। यह वैक्सीन अब जल्द ही भारत में आ सकेगी। डॉ पॉल ने मॉडर्ना को पहली इंटरनेशनल वैक्सीन कहा, जिसे भारत में परमिशन मिली है।
उन्होंने कहा कि स्पुतनिक को हम साझा वैक्सीन मानते हैं क्योंकि भारत में ही उसका मैन्युफैक्चरिंग का बेस भी बन गया है और वह यहां बनना भी शुरू हो गई है। इस लिहाज से मॉडर्ना भारत आने वाली पहली इंटरनेशनल वैक्सीन है क्योंकि वह सीधे आएगी और यहां लोगों को लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मॉडर्ना भी जल्दी ही भारत में बनने लगेगी।
डॉ. पाल ने कहा कि मॉडर्ना के भारत में अलग से ट्रायल की जरूरत नहीं है। हालांकि, पहले 100 डोज जिन्हें लगाए जाएंगे, उन्हें वॉच किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मॉडर्ना वैक्सीन को -25 से -50 डिग्री में सात महीने के लिए स्टोर किया जा सकता है। अगर वैक्सीन की वाइल खुली नहीं है तो उसे 2 से 8 डिग्री तापमान में 30 दिनों तक रख सकते हैं।
चारों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित
डॉ. पॉल ने कहा कि कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक और मॉडर्ना ये चारों वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और ये वैक्सीन स्तनपान करा रही महिलाएं भी ले सकती हैं। वैक्सीन की वजह से नपुंसकता जैसी अफवाहों को उन्होंने एकदम गलत बताया। उन्होंने कहा कि ये सभी वैक्सीन सेफ हैं और अफवाहों पर बिल्कुल भरोसा न करें। डॉ. पॉल ने कहा कि जब वैक्सीन के एनिमल एक्सपेरिमेंट, ह्यूमन एक्सपेरिमेंट और क्लीनिक ट्रायल होते हैं, उस वक्त वैक्सीन के सभी इफेक्ट- साइडइफेक्ट का एनालिसिस किया जाता है, उसके बाद ही उसे लाइसेंस मिलता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए जल्द आएगी गाइडलाइन
आईसीएमआर ने साफ कह दिया है कि गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन सेफ है और वह वैक्सीन लगा सकती हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि इससे जुड़ी गाइडलाइन हेल्थ मिनिस्ट्री के पास आई है जिसे देखा जा रहा है और जल्द ही इसे जारी किया
डेल्टा प्लस खतरनाक है या नहीं, अभी डेटा नहीं
हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट के अभी 51 केस भारत में हैं जो 12 राज्यों में हैं। जहां जहां भी डेल्टा प्लस के केस पाए गए, प्रोटोकॉल के हिसाब से उनके कॉन्टैक्ट ट्रेस कर उन्हें क्वारंटाइन किया गया। डॉ. पॉल ने कहा कि अभी तक इसका साइंटिफिक डेटा नहीं है कि क्या डेल्टा प्लस वेरियंट ज्यादा तेजी से फैलता है या बीमारी को ज्यादा गंभीर करता है या कोविड वैक्सीन को बाईपास करता है। उन्होंने कहा कि अभी अलग अलग लैब में इसे देखा जा रहा है।
पीक से 91 पर्सेंट कम केस
हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा कि कोरोना के केसों में लगातार कमी आ रही है। पिछले 24 घंटे में 37566 नए केस आए जो रिपोर्टेड पीक में आए केसों से 91 पर्सेंट कम हैं। अभी देश में 111 जिले हैं जहां हर रोज 100 से ज्यादा केस आ रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 9.72 करोड़ डोज लगाई गई है जो कुल का 56 पर्सेंंट हैं। शहरी इलाकों में 44 पर्सेंट वैक्सीन लगी है। 18 से 44 साल की उम्र के लोगों में से 15 पर्सेंट को वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिल गई है। 45 से 59 साल के उम्र के लोगों में यह 42 पर्सेंट है। 60 साल और इससे ज्यादा उम्र के 49 पर्सेंट लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग गई है। साभार-नवभारत टाइम्स
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें। हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post