कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए लोग तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है मजबूत इम्यून सिस्टम और इसके लिए न्यूट्रिशन वाली चीजें खाना जरूरी है। क्योंकि हमारी खाने की आदतों का सीधा असर हमारी हेल्थ, शरीर के फंक्शन और इम्यून सिस्टम पर पड़ता है।
साइंटिस्ट ने कोविड-19 और डाइट के बीच का लिंक तलाशने की कोशिश शुरू कर दी है। उनका कहना है कि हेल्दी बॉडी और मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ब्रिटेन की साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी में न्यूट्रिशन इम्यूनोलॉजिस्ट फिलिप कैल्डर कहते हैं, “कोविड 19 से बचने के लिए कोई भी एक न्यूट्रिशन किसी जादुई पिल्स की तरह काम नहीं करेगा।”
वेजिटेरियन लोगों में कोविड के गंभीर संक्रमण का खतरा कम
मई में बीएमजे मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक वेजिटेरियन लोगों में और सागपात, फल-सब्जी के साथ-साथ सीफूड लेने वाले लोगों में औसत से गंभीर कोविड संक्रमण होने का खतरा उन लोगों की तुलना में काफी कम था जो ये दोनों तरह की डाइट नहीं लेते सिर्फ नॉनवेज फूड (सीफूड के अलावा सभी तरह का नॉनवेज) लेते हैं।
इस स्टडी में फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका के 2,884 हेल्थ केयर वर्कर शामिल हुए थे।
वेजिटेरियन लोगों में कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा 73% कम
वेजिटेरियन लोगों में औसत से गंभीर कोविड संक्रमण का खतरा 73 प्रतिशत कम था। शाकाहार और सीफूड खाने वालों में संक्रमण का खतरा 59 प्रतिशत तक कम था। लो कार्बोहाइड्रेट और हाई प्रोटीन वाली डाइट लेने वालों में औसत से गंभीर संक्रमण का खतरा वेजिटेरियन लोगों की तुलना में तीन गुना ज्यादा था।
वैज्ञानिकों ने वैसे उम्र, लिंग, कास्ट, मेडिकल स्पेशिलिटी, बॉडी मास इंडेक्स, मेडिकल कंडीशन, धूम्रपान और एक्सरसाइज जैसे लाइफस्टाइल से जुड़े फैक्टरों को भी ध्यान में रखकर स्टडी की थी। फिर भी, इसकी कुछ लिमिटेशन थीं, इसमें 70 प्रतिशत से अधिक वॉलंटियर्स पुरुष थे और 95 प्रतिशत डॉक्टर थे। स्टडी में दूसरे प्रभावकारी फैक्टर्स शामिल नहीं किए गए थे जैसे स्ट्रेस, नींद।
इम्यून सिस्टम को बहुत सी चीजें प्रभावित करती हैं
कैल्डर कहते हैं, “बहुत सी चीजें लोगों के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती हैं और डाइट उनमें से सिर्फ एक चीज है। न तो वो सब कुछ है और न ही उसके साथ सब कुछ खत्म हो जाता है।”
अध्ययन में शामिल 568 कोविड मामलों में सिर्फ 298 का पीसीआर या एंटीबॉडी टेस्ट पॉजिटिव आया था। बाकी मामलों में कोविड के सामान्य लक्षण पाए गए थे।
कोविड-19 से लड़ने के लिए कैसी डाइट जरूरी
स्टडी में भी डाइट से जुड़ी वही चीजें सामने आईं जो डब्लूएचओ पहले ही कह चुका है। लोगों को माइक्रोन्यूट्रिएन्ट और मैक्रोन्यूट्रिएन्ट- दोनों की जरूरत होती है। ये ज्यादातर पोषक तत्व हमें वेजिटेरियन खाने में ही मिल जाते हैं।
माइक्रोन्यूट्रिएन्ट यानी विटामिन और मिनरल। ये चीजें हमारे शरीर के सहज संचालन और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में काम आती हैं।
मैक्रोन्यूट्रिएन्ट हमें एनर्जी देते हैं जिससे बॉडी के सभी फंक्शन बिना किसी रुकावट के चलते रहते हैं। मोटे तौर पर इन्हें तीन ग्रुप में बांटा जा सकता हैः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट।
डब्लूएचओ, कई तरह के फल, सब्जी, फलियां (जैसे- दाल, छोले, बीन्स, मटर), नट्स, व्होल ग्रेन (जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, बाजरा, ज्वार) और एनिमल सोर्स फूड की मिली जुली डाइट लेने की सलाह देता है।
डब्लूएचओ के मुताबिक लोगों को हर रोज कम से कम चार सौ ग्राम फल और सब्जी खानी चाहिए।
क्या नहीं खाना चाहिए इस पर ध्यान देना भी जरूरी है
दिन में 12 चम्मच से ज्यादा चीनी नहीं लेनी चाहिए। दिन में सिर्फ छह चम्मच चीनी हेल्थ के लिए काफी है। यह 6 चम्मच भी आपके खाने या ड्रिंक से मिलने वाली शुगर को मिलाकर। हालांकि फलों और सब्जियों से मिलने वाली शुगर इसमें शामिल नहीं है। इसके अलावा दिन में सिर्फ एक चम्मच नमक खाना चाहिए।
ओमेगा-3 खाने से कोविड का खतरा कम होता है
कोविड-19 संक्रमण के खतरे को कम करने में एक और पोषक तत्व जरूरी है और वो है ओमेगा-3 फैटी एसिड। हमारे शरीर को तीन तरह के ओमेगा (एएलए, डीएचए और ईपीए) की जरूरत होती है।
ओमेगा एएलए मुख्य रूप से पौधों के तेल और बीजों में पाया जाता है, जैसे चिया, अलसी और कनोला का तेल। डीएचए और ईपीए सिर्फ मछलियों और कुछ किस्म के एल्गी यानी शैवालों में पाया जाता है। शाकाहारी और वीगन डाइट लेने वाले लोग एल्गी से बने सप्लीमेंट लेकर ओमेगा की ये जरूरत पूरी कर सकते हैं। मछलियां शैवाल को खाती हैं और इसीलिए उनमें ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में होता है।
कोरोना के गंभीर मरीजों को ओमेगा-3 लेने से सांस और किडनी संबंधी समस्याओं से भी राहत मिली
ईरान के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ओमेगा-3 कोविड-19 के खिलाफ अहम रोल निभाता है। इस साल मार्च में जर्नल ऑफ ट्रांसलेशनल मेडिसिन में पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के जिन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद दो सप्ताह तक 400 मिलीग्राम ईपीए और 200 मिलीग्राम डीएचए वाली 1000 मिलीग्राम ओमेगा-3 सप्लीमेंट की खुराक दी गई, उनमें एक महीने बाद 21 प्रतिशत का सर्वाइवल रेट पाया गया।
इस डाइट से कोविड के गंभीर मरीजों की सांस और किडनी संबंधी समस्याओं में भी सुधार नजर आया। हालांकि रिसर्चर्स का कहना है कि इस बारे में और अध्ययन की जरूरत है।
सिर्फ मुहावरा नहीं है पेट पालना
जब आप खाना खाते हैं तो शरीर में रहने वाले माइक्रोबायोम यानी जीवाणु, फंगस, परजीवियों और वायरस जैसे सूक्ष्मजीवों को भी खाना मिलता है। इनमें से सबसे अधिक संख्या में सूक्ष्मजीव हमारे पेट में रहते हैं।
डाइट तय करती है कि किस तरह के सूक्ष्मजीवी आंतों में रहेंगे
ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी में इम्यूनोलॉजिस्ट शीना क्रुइकशांक कहती हैं, “ये सूक्ष्मजीवी कई काम करते हैं। जैसे- खाना पचाने में मदद करते हैं, शरीर के लिए बहुत जरूरी विटामिन तैयार करते हैं, इंफेक्शन से बचाते हैं और हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं।”
क्रुइकशांक बताती हैं कि माइक्रोबायोम पेट के बाहरी किनारों की कोशिकाओं को मजबूत बैरियर के रूप में ढालकर वहां पनपने वाले कीटाणुओं से हमारी हिफाजत करते हैं। बाहरी कीटाणुओं से भी हमें वे मुस्तैदी से बचाते हैं। आपकी डाइट ये तय करने में भी अहम भूमिका निभाती है कि किस किस्म के सूक्ष्मजीवी आपकी आंतों में रहते हैं।
रेसिस्टेंट स्टार्च जैसे फाइबर- पके हुए लेकिन ठंडे आलू और चावल, बीन्स या दालें- अच्छे बैक्टीरिया का भोजन जुटाने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक फूड में जीवित लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं और वे भी मदद कर सकते हैं। यीस्ट युक्त खाने में केफिर, दही, किमची, मीजो, बंदगोभी का अचार, अन्य सब्जियों का अचार, टेम्पेह और कम्बूचा टी जैसी चीजें शामिल हैं।
ये तमाम चीजें आपके पेट को स्वस्थ बनाए रखते हैं। और फिर उसी स्वस्थ पेट की मदद से कोविड-19 के खिलाफ आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।साभार-दैनिक भास्कर
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