New IT Act 2021 दिल्ली हाई कोर्ट ने डिजिटल समाचार मीडिया को विनियमित करने वाले नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस स्तर पर इस तरह के आदेश को पारित करने पर याचिकाकर्ताओं के साथ सहमत नहीं है।
नई दिल्ली, एजेंसी। New IT Act 2021: दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम सुनवाई के दौरान डिजिटल समाचार मीडिया को विनियमित करने वाले नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस दौरान हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस तरह के आदेश को पारित करने पर याचिकाकर्ताओं के साथ सहमत नहीं है। दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने नए आइटी नियमों को निष्प्रभावी करने का अनुरोध किया गया था। फाउंडेशन के अलावा दो अन्य याचिकाकर्ता ‘द वायर’ के संपादक एमके वेणु तथा ‘द न्यूज मिनट’ की प्रधान संपादक धन्या राजेंद्रन हैं। याचिकाकार्ताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट से नए आइटी नियमों को लेकर अंतरिम संरक्षण की मांग की थी।
वहीं, सोमवार को डिजिटल न्यूज मीडिया के नियम संबंधी नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने रोक लगाने से इनकार कर दिया।
याचिका में कहा गया था कि ये डिजिटल न्यूज मीडिया को जबरदस्त और भारी नुकसान पहुंचाने वाले हैं और उनके अधिकारों का हनन करते हैं। इसके साथ ही याचिका के जरिये नए आइटी नियमों को निष्प्रभावी करने का अनुरोध किया गया था, क्योंकि यह समाचारों एवं समसामयिकी के प्रकाशकों को परिभाषित करता है तथा उन पर लागू होता है।
जानिये- क्या हैं नए आईटी नियम?
- सोशल मीडिया कंपनियों के लिए 21 फरवरी 2021 को भारत सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए भेजे और शेयर किए जाने वाले मैसेजेस के ओरिजनल सोर्स को ट्रैक करना जरूरी है।
- अगर कोई गलत या फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है और सोशल मीडिया कंपनियों को बताना होगा कि उस पोस्ट को सबसे पहले किसने शेयर किया था।
- नए आइटी नियम के मुताबिक, सोशल मीडिया कंपनियों को किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके लिए कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना होगा।
- नए आइटी नियमों में शिकायत को अपडेट देने के लिए 15 दिनों समयसीमा भी तय की गई है। इसके साथ ही कंपनियों को पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है। साभार-दैनिक जागरण
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