मोदी देख रहे अयोध्या का विकास मॉडल:श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट पर उठे सवालों के बीच PM की वर्चुअल रिव्यू मीटिंग शुरू, CM योगी समेत 13 लोग जुड़े; ट्रस्ट के सदस्य नहीं बुलाए गए

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अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्युमेंट्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वर्चुअल रिव्यू मीटिंग शुरू हो गई है। इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा समेत 13 लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से, जबकि अन्य मंत्री और अधिकारी सीएम योगी के आवास से मीटिंग में जुड़े हैं। इस मीटिंग से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दूर रखा गया है।

उतर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अयोध्या को चमकाने की कवायद चल रही है। इसके लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण की तरफ से मास्टर प्लान तैयार किया गया और लगभग 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन्हीं परियोजनाओं की समीक्षा के लिए PM मोदी वर्चुअल मीटिंग बैठक कर रहे हैं। इस मीटिंग में प्रमुख सचिव आवास विकास अयोध्या के विकास कार्य के संबंध में प्रेजेंटेशन देंगे।

मीटिंग में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, चीफ सेक्रेटरी आरके तिवारी के अलावा प्रमुख सचिव पर्यटन, अपर मुख्य सचिव नगर विकास समेत अन्य विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद हैं।

अयोध्या विकास प्राधिकरण की तरफ से विजन डाक्यूमेंट के तहत ही यहां के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इसमें सभी प्रमुख योजनाओं को शामिल किया गया है।

विजन डॉक्यूमेंट में तीन तरह की योजनाएं शामिल
मोदी की बैठक के लिए तैयार विजन डॉक्यूमेंट में तीन तरह की योजनाओं लघु, मध्यम और दीर्घकालिक को शामिल किया गया है। पहली प्रमुख परियोजनाएं मध्यम और दीर्घकालिक हैं। इसमें चुने गए मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार, चयनित विरासत परिसरों का संरक्षण और ASI की स्मारकों की देखरेख की जानी है।

इसके अलावा राज्य पुरातत्व परिसर की बहाली, कोर एरिया रोड नेटवर्क की रेट्रोफिटिंग, सभी आध्यात्मिक क्षेत्रों का डॉक्यूमेंटेशन, विश्वकोश का निर्माण, वैदिक अध्ययन, उपनिषदों की पेशकश करने वाले वैदिक विश्वविद्यालयों की स्थापना, धार्मिक अध्ययन कौशल विकास केंद्रों की स्थापना और पश्चिमी मनोरंजक जिले में मेला मैदानों के विकास को शामिल किया गया है।

विजन डाक्यूमेंट में इन बातों को शामिल किया गया है

  • क्रूज पर्यटन परियोजना,रामायण आध्यात्मिक वन व सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज
  • इसमें क्रूज पर्यटन परियोजना, रामकी पैड़ी पुनर्जनन परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन
  • सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास ,पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या शामिल है
  • 84 कोसी परिक्रमा के भीतर 208 विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास
  • अयोध्या के ब्रांडिंग अभियान और डिजिटल मार्केटिंग, स्मार्ट रोड पर सार्वजनिक क्षेत्र का विकास
  • जल निकायों के आसपास मनोरंजक स्थान का विकास शामिल है

लघु और तात्कालिक अवधि की योजनाएं
तीसरे लक्ष्य की प्रमुख परियोजनाएं लघु और तात्कालिक अवधि की हैं। इसमें सिविल लाइन पुनर्विकास परियोजना, मुख्य क्षेत्र का विकास, पार्कों और हरित नेटवर्क का विकास, रामायण युग के वृक्षारोपण, टीओडी नोड्स और कॉरिडोर का विकास, सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का विकास, सिंगल बेड रूम रेंटल हाउसिंग-सर्विस का विकास, अपार्टमेंट शामिल है। मध्यम और दीर्घकालिक प्रमुख परियोजनाओं में 103 जलाशयों का जीर्णोद्धार (कुंड) स्वच्छ औद्योगिक जिले का विकास, बुलेवार्ड्स का नेटवर्क ,सामाजिक बुनियादी सुविधाओं के विकास को शामिल किया गया है।

अयोध्या को चुनाव से पहले चमकाने के लिए लगभग 20 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें ये योजनाएं प्रमुख रूप से शामिल हैं।

4 लाख रोजगार और 8 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां देने का दावा
पूरी अयोध्या को आधुनिक पर्यटन सिटी के रूप में विकसित करने के साथ व्यापार रोजगार के संसाधन को उपलब्ध कराने का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। इस विजन डॉक्यूमेंट को पांच हजार नागरिकों और 500 पर्यटकों के सुझाव से तैयार किया गया है। विजन डॉक्यूमेंट के तहत 4 लाख रोजगार व 8 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां देने की तैयारी है।

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