धरती पर 5 हजार साल से नजरें गड़ाए बैठे हैं एलियंस, इंसानों की कर रहे निगरानी!

पढ़िए नवभारत टाइम्स की ये खबर…

Aliens Watching Earth From Milky Way: पर‍ग्रहियों को लेकर हुए ताजा शोध में चौंका देने वाला दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि एलियंस धरती पर‍ प‍िछले 5 हजार साल से निगरानी करते हो सकते हैं। यही नहीं वे हमारे रेडियो को भी सुनते होंगे।

हाइलाइट्स:

वॉशिंगटन एलियंस के अस्तित्‍व पर पूरी दुनिया में जोरदार बहस छिड़ी हुई है। इस संबंध में अमेरिका में बहुत जल्‍द एक रिपोर्ट भी आने वाली है। अब एक ताजा शोध में दावा किया गया है कि एलियंस धरती पर पिछले करीब 5 हजार साल से नजरें गड़ाए हो सकते हैं। यही नहीं ये परग्रही हमारे पुराने रेडियो शो को सुन सकते हैं। वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में ऐसे कम से कम 29 संभावित जगहों की पहचान की है जहां से एलियंस टेलिस्‍कोप की मदद से हमारे ऊपर नजर रख सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने हमारी आकाश गंगा के सोलर सिस्‍टम का एक नक्‍शा बनाया है जहां एलियंस जीवन हो सकता है। इन जगहों से पृथ्‍वी की तरह से टेलिस्‍कोप की मदद से धरती पर नजर रखी जा सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि धरती से करीब 326 प्रकाशवर्ष की दूरी में 2034 सितारे हैं और इनमें से कुछ सितारों तक हमारे रेडियो सिग्‍नल पहुंच रहे होंगे। इन सितारों में से कुछ पहले हमें देखते रहे होंगे लेकिन अब उनकी यह प्रक्रिया रुक गई होगी।

सैटलाइट ने हमारी आकाश गंगा का नक्‍शा बनाया
इनमें से एक Trappist-1 प्रणाली हो सकती है जो 45 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है और यहां पर धरती की तरह से सात पहाड़ी और पानी से भरे ग्रह हो सकत हैं। इनमें से 4 पर रहा जा सकता है। वे अब ऐसी जगह पर पहुंचेंगे जहां से वे 1642 साल तक हमें देख सकेंगे। इस शोध को करने वाले कॉर्नेल यूनिवर्सिटी न्‍यूयॉर्क के प्रफेसर लीजा काल्‍टेनेगर ने कहा, ‘उनके नजर‍िए से देखें तो हम एलियन हैं। हम जानना चाहते थे कि कौन सा तारा पृथ्‍वी को देखने के मामले में सबसे सुविधाजनक स्थिति में है क्‍योंकि यह सूरज की किरणों को रोकती है।’

प्रफेसर लीजा ने कहा, ‘हमारे गतिशील ब्रह्मांड में चूंकि तारे घूमते रहते हैं, ऐसे में यह सुविधाजनक स्थिति बदलती रहती है।’ उन्‍होंने कहा कि ऐसे सितारे जो सुविधाजनक स्थिति में हैं, उनके ऊपर जीवन की तलाश की जा सकती है। यह शोध यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के गैआ सैटलाइट से मिले आंकड़े पर आधारित है। इसी सैटलाइट ने हमारी आकाश गंगा का नक्‍शा बनाया है। करीब 75 ऐसे सितारे हैं जो हमारे रेडियो स्‍टेशन की आवाज को सुन सकते हैं जिसने एक शताब्‍दी पहले अंतरिक्ष में प्रसारण शुरू किया था। साभार-नवभारत टाइम्स

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