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सेना का कहना है कि मेजर के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. मेजर के खिलाफ 13 अप्रैल से किश्तवाड़ में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू हो गई है और इसमें महिला को गवाही के लिए बुलाया गया है.
नई दिल्ली: जम्मू में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात मेजर पर एक महिला ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग, धमकी देने, पैसे हड़पने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं. मेजर के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (Court of Inquiry) शुरू हो गई है. महिला ने आरोपों में ये भी कहा है कि मेजर सोशल मीडिया एप्लीकेशंस के जरिए कई और महिलाओं के साथ भी जुड़ा हुआ था, जिनमें पाकिस्तानी महिलाएं भी थीं. मेजर ने इन महिलाओं को अपनी लोकेशन, वर्दी और हथियारों के साथ फोटो और कई ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी है. मेजर ने ये दावा भी किया था कि वो स्पेशल फोर्सेज में है और भारत की सर्जिकल स्ट्राइक्स का नेतृत्व कर चुका है.
‘मेजर के कई महिलाओं के साथ संबंध’
देहरादून की रहने वाली इस महिला ने जनवरी में अपनी शिकायत उत्तरी सेना कमांडर, कोर कमांडर 16 कोर के अलावा डेल्टा फोर्स कमांडर को भी भेजी थी. अपनी शिकायत में इस महिला ने कहा कि वो एक सोशल मीडिया एप्लीकेशन के जरिए मेजर के संपर्क में आई. मेजर ने खुद को अविवाहित बताया और दोनों में संबंध गहरे हो गए. बाद में महिला को पता चला कि मेजर न केवल विवाहित है बल्कि उसके कई और महिलाओं के साथ भी संबंध हैं. महिला ने मेजर से संबंध खत्म करने की कोशिश की तो उसने नाजायज दबाव बनाना शुरू कर दिया. मेजर ने महिला को अलग-अलग नामों से फोन करना और धमकियां देना शुरू कर दिया.
मेजर की पत्नी ने महिला के खिलाफ केस किया
महिला ने आरोप लगाया है कि उसकी पहचान सार्वजनिक करने की भी धमकी दी गई. मेजर ने ये कहकर उस पर मानसिक दबाव डाला कि उसके खिलाफ जांच शुरू हो गई है और वो पैसों की तंगी में है. इस बहाने से भी उसने महिला से पैसे ऐंठ लिए. सेना का कहना है कि मेजर के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. मेजर के खिलाफ 13 अप्रैल से किश्तवाड़ में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू हो गई है और इसमें महिला को गवाही के लिए बुलाया गया है. दूसरी तरफ मेजर की पत्नी ने पुणे में महिला के खिलाफ चरित्रहनन का मामला दर्ज करवाया है.
सेना में सोशल मीडिया को लेकर सख्त हैं नियम
सेना में सोशल मीडिया को लेकर काफी सख्त नियम हैं. पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया का प्रयोग बढ़ने के बाद सोशल मीडिया के इस्तेमाल से सैनिकों को फंसाने और उनका जासूसी के लिए इस्तेमाल बढ़ने के कई मामले आए हैं. पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई (ISI) ने पिछले एक दशक में कई बार सैनिक अफसरों को हनी ट्रैप (Honey trap) में फंसाया है. सेना में सभी कर्मचारियों को सोशल मीडिया का बेहद सतर्कता से इस्तेमाल करने, अपनी पहचान, काम या लोकेशन के बारे में कोई जानकारी न देने के बारे में निर्देश दिए गए हैं. सोशल मीडिया के निर्देशों का पालन न करने पर सेना में कई अफसरों और सैनिकों के खिलाफ बहुत कड़ी कार्रवाई की गई है. कुछ ही दिन पहले वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी को भी ऐसे ही मामले में फंसने पर नौकरी से हाथ धोना पड़ा था. साभार- जी न्यूज़
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