दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) छोड़कर यूपी के बाकी सभी जिलों में निजी वाहनों पर वाहन रजिस्ट्रेशन के इकाई नम्बर के अनुसार हाई सिक्योरिटी प्लेट (HSRP) लगाने की तारीखें तय की गई हैं.
नोएडा. अभी तक आरटीओ (RTO) दफ्तर में किसी भी तरह का काम कराने से पहले हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाना जरूरी था. नई नंबर प्लेट लगने के बाद भी आरटीओ दफ्तर में काम हो रहा था. लेकिन अब यूपी सरकार (UP Government) ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की आखिरी तारीख बढ़ा दी है. 30 सितम्बर नंबर प्लेट लगवाने की आखिरी तारीख है. लेकिन अब भी नए नियम के तहत आरटीओ दफ्तर में काम कराने के लिए पहले रसीद दिखानी होगी. इस रसीद को दिखाने के बाद ही आपके वाहन (Vehicle) से जुड़ा काम आरटीओ दफ्तर में होगा.
अगर कोई वाहन चालक 30 सितम्बर तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगवाता है तो फिर उसके वाहन का चालान काटा जाएगा. उसे जुर्माना भरना होगा. नोएडा आरटीओ दफ्तर की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक अगर आप आरटीओ दफ्तर किसी काम से आ रहे हैं तो पहले आपको हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की बुकिंग रसीद कटानी होगी.
बेशक इस रसीद को कटवाने के बाद आप आप नंबर प्लेट कभी भी लगवा लें, लेकिन आरटीओ दफ्तर में काम कराने के लिए आपको पहले नंबर प्लेट की रसीद कटवानी होगी.
दिल्ली-एनसीआर के अलावा बाकी जिलों के लिए अलग-अलग तारीखें
दिल्ली-एनसीआर छोड़कर यूपी के बाकी सभी जिलों में निजी वाहनों पर वाहन रजिस्ट्रेशन के इकाई नम्बर के अनुसार हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाने की तारीखें तय की गई हैं. इसके तहत जिन वाहनों के नंबर के अंत में 0 या 1 है उन पर 15 जुलाई 2021 तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एवं कलर कोडेड स्टीकर लगवाना अनिवार्य होगा.
वहीं, जिन निजी वाहनों के पंजीकरण नंबर के अंत में 2 और 3 हैं, उन पर 15 अक्टूबर तक, जिन नंबर का इकाई नंबर 4 या 5 है, उन पर 15 जनवरी 2022 तक, जिनके वाहनों के नंबर के अंत में 6 या 7 हैं, उन्हें 15 अप्रैल 2022 तक और जिनके वाहनों के पंजीकरण की इकाई का नंबर 8 या 9 है, उन्हें 15 जुलाई 2022 तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एवं कलर कोडेड स्टीकर लगवाना अनिवार्य होगा. निर्धारित तारीखों के बाद हाई सिक्योरिटी प्लेट न लगवाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
जानकारों की मानें तो एचएसआरपी एक होलोग्राम स्टीकर होता है. इस पर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर दर्ज होते हैं. प्लेट पर एक तरह का पिन होगा जो आपके वाहन से जोड़ा जाएगा. यह नंबर प्लेट खासतौर से वाहनों को सुरक्षा देने के लिए तैयार की गई है. चोरी होने की हालत में वाहन को बरामद करने में इससे पुलिस को बड़ी मदद मिलेगी.
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