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द लैंसेट हेल्दी लॉन्गविटी में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा देखने में आया है कि जो केयर होम रेजिडेंट्स पहले COVID-19 से संक्रमित हुए थे उनमें अक्टूबर और फरवरी के महीने में संक्रमित होने का खतरा कम था।
लंदन, रायटर्स। कोरोना की चपेट में आ चुके लोगों को 10 महीने तक डरने की जरूरत नहीं है। नई रिसर्च में सामने आया है कि इन लोगों में 10 महीने तक फिर से संक्रमित होने का जोखिम कम रहता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के वैज्ञानिकों द्वारा केयर होम रेजिडेंट्स और स्टाफ पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
द लैंसेट हेल्दी लॉन्गविटी (The Lancet Healthy Longevity) में गुरुवार को प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि ऐसा देखने में आया है कि जो केयर होम रेजिडेंट्स पहले COVID-19 से संक्रमित हुए थे, उनमें अक्टूबर और फरवरी के महीने में संक्रमित होने का खतरा उन लोगों से 85 फीसद तक कम था जो पहले संक्रमण का शिकार नहीं हुए थे।
यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स के अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता मारिया क्रिटिकोव (Maria Krutikov) ने कहा, ‘यह वास्तव में अच्छी खबर है कि प्राकृतिक संक्रमण इस समय अवधि में दोबारा संक्रमण से बचाता है। दो बार संक्रमित होने का जोखिम बहुत कम प्रतीत होता है।’
उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि पूर्व COVID-19 संक्रमण केयर होम रेजीडेंट्स को उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है। इस रिसर्च में 682 केयर होम रेजीडेंट्स को शामिल किया गया है इनमें ज्यादातर वो लोग हैं जिनकी उम्र 86 साल है। इसके अलावा 1,429 केयर होम कर्मचारी भी शामिल हैं। पिछले साल जून और जुलाई में किए गए परीक्षणों में सामने आया कि इनमें से लगभग एक तिहाई लोगों में ही कोरोना संक्रमण पाया गया। साभार-दैनिक जागरण
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