पढ़िए जी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की ये खबर…
राज्य सरकार के नियंत्रण वाली बिजली वितरण कंपनियों ने नियामक आयोग के समक्ष दाखिल 2021-22 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (Annual Revenue Requirement) प्रस्ताव के साथ बिजली दरों का प्रस्ताव नहीं दाखिल किया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से साफ कहा कि इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए बिजली के दामों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की जाए.
राज्य सरकार के नियंत्रण वाली बिजली वितरण कंपनियों ने नियामक आयोग के समक्ष दाखिल 2021-22 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (Annual Revenue Requirement) प्रस्ताव के साथ बिजली दरों का प्रस्ताव नहीं दाखिल किया है. बिजली दरों के मौजूदा 80 स्लैब को घटाकर 53 करने का प्रस्ताव जरूर दिया है.
आशंका जताई जा रही थी कि नया स्लैब लागू होने पर छोटे उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ सकता है. बिजली वितरण कंपनियों ने एआरआर के साथ चले परिवर्तन का प्रस्ताव भी नियामक आयोग में दाखिल किया है.नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन को नए स्लैब में दरें प्रस्तावित करके देने के लिए कहा है.
फिलहाल पावर कारपोरेशन ने अपना जवाब नहीं भेजा है. इस बीच नियामक आयोग नई बिजली दरों को अंतिम रूप देने की कवायद में जुटा है. सरकार के फैसले के बाद इस बात की उम्मीद बहुत कम बची है कि पावर कारपोरेशन स्लैब की दरों में किसी तरह के हेरफेर के लिए आयोग पर दबाव डालेगा.
पहले से भी इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि चुनावी वर्ष में सरकार बिजली दरें बढ़ाकर शायद ही जनता की नाराजगी का कोई जोखिम उठाना चाहेगी. अब कोरोना महामारी के बहाने सरकार ने दरें न बढ़ाने का रास्ता निकाल लिया है. यूपीपीसीएल ने भी नियामक आयोग को रेगुलेटरी सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव भेजा था. इसके लागू होने पर बिजली दरों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद थी. साभार-जी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड
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