भारत में कोरोना से अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार और केंद्र अपने अपने स्तर पर लोगों की मदद कर रहा है। कुछ राज्यों ने इसको लेकर मुआवजा राशि की भी घोषणा की है।
नई दिल्ली । कोरोना महामारी की वजह से भारत में अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना काल में अपनों को खोने की वजह से कई परिवारों पर आर्थिक संकट भी आया है। वहीं इसकी वजह से कई बच्चे अनाथ हो गए हैं। इन सभी की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने अलग-अलग मुआवजे की घोषणा की हुई है।
हाल ही में केंद्र ने भी कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले पत्रकारों के करीबी परिजन को वित्तीय सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि वो पत्रकार कल्याण योजना के तहत पीडि़त परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2020 में 41 पत्रकारों के परिवारों को इस योजना के तहत मुआवजा राशि दी गई थी।
गुरुवार को हुई घोषणा के बाद इनकी संख्या 67 हो जाएगी। इसके लिए पीआईबी की वेबसाइट पर पूरी जानकारी ली जा सकती है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2015 में राष्ट्रीय आपदा में मारे गए व्यक्ति के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया था। है। सरकार ने कोरोना महामारी को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत ही राष्ट्रीय आपदा घोषित किया था।
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी में आक्सीजन की कमी से होने वाली मौत पर पीडि़त परिवार को अधिकतम पांच लाख तक का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने छह सदस्यीय समिति का भी गठन कर दिया है। इसके जरिए आवेदन व शिकायतों को स्वीकार किया जाएगा। इस समिति के मूल्यांकन के आधार पर ही मुआवजे की राशि भी तय होगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार पहले ही ये घोषणा भी कर चुकी है कि कोरोना से हुई मौत पर वो पीडि़त परिवार को 50 हजार रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान करेगी।
इसके अलावा दिल्ली सरकार इस महामारी में अनाथ हुए बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह और मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा कर चुकी है। इसके अलावा इस माह 72 लाख लोगों को चाहे उनके पास राशन कार्ड है या नहीं 5 किलो राशन केंद्र सरकार की स्कीम से मुफ्त देने की भी घोषणा कर चुकी है। ऐसे परिवार को जहां कमाने वाले की मौत कोरोना से हुई है उनके परिवार को 50000 की मुआवजा राशि के अलावा 2500 रुपये की प्रतिमाह पेंशन भी दी जाएगी। कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को 25 वर्ष की उम्र तक 2500 रुपये दिए जाएंगे और उनकी पढ़ाई का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों में ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 135 पोल अधिकारियों को यूपी सरकार 30 लाख रुपये का मुआवजा देगी। आंगनवाड़ी वर्कर्स की कोरोना से मौत पर सरकार पीडि़त परिवार को 50 लाख रुपये की राशि प्रदान करेगी।
पंजाब ने कोरोना के दौरान जान गंवाने वाले डाक्टरों और सेहत कामगारों के परिवारों को पचास-पचास लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। कोरोना से पत्रकार की मौत पर ये राशि 10 लाख रुपये की है।
हरियाणा में किसी सफाईकर्मी की यदि ड्यूटी के दौरान कोरोना से मौत होती है तो उसके करीब परिजन को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की गई है। इसके अलावा डॉक्टरों की कोरोना से मौत पर 50 लाख और पुलिस कर्मियों की मौत पर 30 लाख रुपये बतौर मुआवजा राशि दे रही है।
झारखंड में फ्रंटलाइन वैरियर्स के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने 25 लाख मुआवजा देने प्रावधान किया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार कोरोना से हुई मौत पर पीडि़त परिवार को 1 लाख रुपए मुआवजा राशि देगी। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों की कोरोना से मौत पर 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि और परिवार के एक सदस्य अनुकंपा नौकरी दी जाएगी। हालांकि सरकार की अनुकंपा नियुक्ति योजना एक मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक और मुआवजा योजना 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई 2021 तक ही लागू रहेगी। इससे अलावा मंडी कर्मचारियों की कोरोना से हुई मौत पर 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की जा चुकी है। कोरोना से मौत पर पीडि़त परिवार को अलग से 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। अनाथ हुए बच्चों को2500 रुपए प्रतिमाह पेंशन और मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा सरकार कर चुकी है।
तमिलनाडु में फ्रंटलाइन वर्कर की कोरोना से मौत पर उसके परिवार वालों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया गया
गुजरात सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल में फ्रंट लाइन वर्कर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, रिवेन्यू स्टाफ, फूड सप्लाई डिपार्टमेंट के तहत आने वाले राज्यकर्मी और राशन की दुकान वालों की कोरोना से हुई मौत पर 25 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की थी।
जमशेदपुर की टाटा स्टील ने कोरोना से हुई मौत पर पीडि़त परिवार को तब तक पूरी सैलरी देने की घोषणा की है जब तक मृतक की उम्र 60 वर्ष की नहीं हो जाती है। इसके अलावा मृतक के परिवार को चिकिस्तसीय सेवा भी पहले की ही तरह दी जाती रहेगी। साथ ही कंपनी मृतक के बच्चों की ग्रेजुएशन तक का खर्च उठाएगी। साभार-दैनिक जागरण
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