पढ़िये दैनिक भास्कर की ये रिपोर्ट
छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर नेशनल पहलवान सागर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार 2 बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार की कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आया है। इसमें ओलिंपियन सुशील कुमार दोस्तों के साथ हॉकी स्टिक से सागर की पिटाई करते हुए दिख रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, ये वीडियो घटना वाले दिन खुद सुशील कुमार ने अपने दोस्त के मोबाइल से शूट करवाया था, ताकि कुश्ती सर्किट में उसका खौफ बना रहे। वीडियो में घायल पहलवान 23 वर्षीय सागर धनखड़ को जमीन पर पीठ के बल खून से लथपथ पड़ा हुआ देखा जा सकता है।
आरोपी सुशील कुमार और 3 अन्य ने उसे घेर लिया है। सभी के हाथ में हॉकी स्टिक है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो सुशील के ही एक साथी प्रिंस दलाल ने बनाया था। वह पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। इसके अलावा सुशील और उसके PA अजय समेत 5 और आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। शुक्रवार को सुशील का एक और साथी रोहित करोर को गिरफ्तार किया गया। जबकि, 4 आरोपी नीरज बवाना गैंग और काला-आसोदा गैंग के सदस्य हैं।
वीडियो में ओलिंपियन सुशील कुमार दोस्तों के साथ हॉकी स्टिक से सागर की पिटाई करते हुए दिख रहे हैं।
सुशील की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की
सुशील के खिलाफ मीडिया में आ रही खबरों के खिलाफ उनकी मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सुशील की मां ने मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है। सुशील की मां ने कहा है कि मीडिया में जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे परिवार की छवि को नुकसान हुआ है। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार ली है और आज इस मामले पर सुनवाई होगी।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ था। सुशील और सागर में एक फ्लैट पर कब्जे की लड़ाई थी। इसी को लेकर 5 मई को रात 1.15 से 1.30 के बीच छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में दो गुटों में झड़प हुई थी। इस दौरान फायरिंग भी हुई। पुलिस के मुताबिक, सुशील और उसके साथियों ने सागर और उसके दोस्तों को पहले मॉडल टाउन से किडनैप किया। फिर स्टेडियम लाकर हॉकी स्टिक से पिटाई की।
सागर ने इलाज के दौरान दम तोड़ा
इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए। इनमें सागर (23), सोनू (37), अमित कुमार (27) और 2 अन्य पहलवान शामिल थे। पुलिस ने सागर को रात करीब 2 बजे अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं, सुबह 7:15 पर सागर ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था। सागर के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी उसके सिर पर किसी धारदार हथियार से वार करने की बात सामने आई है। मौत की वजह यही बताई जा रही है। जबकि, उसके शरीर पर भी 1 से 4 सेंटीमीटर गहरे जख्म हैं।
सुशील पर एक लाख का इनाम भी घोषित था
लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद भी सुशील इस मामले में पुलिस का साथ देने के लिए सामने नहीं आए। इस कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने सुशील पर 1 लाख रुपए और उनके PA अजय के ऊपर 50 हजार रुपए इनाम की घोषणा भी की थी। 23 मई को वर्ल्ड रेसलिंग डे के दिन ही पुलिस ने इन दोनों को दिल्ली के ही मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया था। तब ये एक स्कूटी से कहीं जा रहे थे। रोहिणी कोर्ट ने इन दोनों को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।
पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया
इनके अलावा पुलिस ने 4 और आरोपियों को घेवरा गांव से गिरफ्तार किया था। इनकी पहचान भुपेंदर (38), मोहित असोदा (22), गुलाब (24) और मंजीत (29) के रूप में हुई। भुपेंदर बहादुरगढ़ के आसोदा गांव के पूर्व सरपंच राजीव उर्फ काला का करीबी है। 2011 में राजीव को डबल मर्डर केस में गिरफ्तार किया गया था। फरवरी, 2021 में वह जेल से छूटा और तब से वह बदला लेने के लिए अपनी गैंग बना रहा था।
वहीं मोहित गैंगस्टर नवीन बाली का खास है। नवीन नीरज बवाना के गिरफ्तार होने के बाद से उसका गैंग चला रहा है। इन चारों के अलावा पुलिस ने 23 साल के एक और आरोपी रोहित को भी गिरफ्तार किया। रोहित सुशील के खास लोगों में से एक है। वारदात वाले दिन रोहित भी छत्रसाल स्टेडियम में ही मौजूद था।
सुशील ने पुलिस के सामने क्या बयान दिया?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पहलवान सुशील ने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को बताया कि4 मई को पहलवानों के 2 ग्रुप आपस मे लड़ गए थे। इसके बाद पहलवानों का एक ग्रुप स्टेडियम से रात 8:30 बजे चला गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुशील का कहना है कि वह एक ग्रुप को समझाने के लिए मॉडल टाउन गया था, ताकि झगड़ा ना बढ़े।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुशील ने पूछताछ में बताया कि सागर के साथ मौजूद सोनू महाल को सिर्फ इसलिए मारा था क्योंकि सोनू ने सुशील को गाली दी थी। सूत्रों के मुताबिक सुशील ने पुलिस को बयान दिया है कि उसने सागर को नहीं मारा। पर पुलिस का मानना है कि सुशील झूठ बोल रहा है।
पुलिस के मुताबिक सुशील लगातार अपने बयान बदल भी रहा है। 24 मई की रात वह थाने में फर्श पर बैठकर रो रहा था। साथ ही खाना भी नहीं खाया। हाई-प्रोफाइल मामला होने के कारण इसकी तहकीकात दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी शिबेश सिंह और डीसीपी मोनिका भारद्वाज और उनकी टीम कर रही है।
सभी आरोपियों को एक साथ बिठाकर पूछताछ
पूछताछ में इन चारों आरोपियों ने वारदात वाली रात छत्रसाल स्टेडियम में होने की बात कबूल की थी। साथ ही पुलिस को क्रम अनुसार घटना के बारे में भी बताया। साथ ही यह भी कहा कि पुलिस का सायरन सुनते ही गाड़ी और गन स्टेडियम में छोड़कर सब भाग खड़े हुए थे। पुलिस अब सुशील को इन सभी आरोपियों के सामने बिठाकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। साभार-दैनिक भास्कर
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