Delhi Meerut Expressway यूपी गेट से डासना तक की 19 किलोमीटर लंबी सड़क में दस जगहों पर दरारें आ गई हैं। जगह-जगह रैंप टूट गए हैं। लालकुआं पर बनाए गए लूप की सड़क भी टूट गई है। कई जगहों पर तो सड़क धंस गई है।
नई दिल्ली/गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (डीएमई) का निर्माण जांच के दायरे में आ गया है। जिस सड़क के निर्माण पर पांच हजार करोड़ की लागत आई है, उसकी गुणवत्ता की हकीकत इसके चालू होने के दो महीने बाद ही बारिश ने खोल दी है। अब इसे घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कहें या कुछ और, लेकिन यूपी गेट से डासना तक की 19 किलोमीटर लंबी सड़क में दस जगहों पर दरारें आ गई हैं। जगह-जगह रैंप टूट गए हैं। लालकुआं पर बनाए गए लूप की सड़क भी टूट गई है। कई जगहों पर तो सड़क धंस गई है। तीन अंडर पास पानी से लबालब हो गए हैं। यह स्थिति तब है जबकि इसके निर्माण से पहले एवं बाद में तकनीकी मुआयना तक कराया गया है। तकनीकी सुरक्षा सलाहकार के लिए अलग से कंपनी नामित है। निर्माण कंपनी एवं एनएचएआइ के अफसरों की लापरवाही देखिए कि पांच दिन बाद भी किसी ने साइट पर जाकर निरीक्षण तक नहीं किया है। काम करने वाले कुछ कामगार जरूर फुटपाथ के आसपास पानी निकालने का इंतजाम कर रहे हैं। दूसरे के अलावा चौथे चरण में डासना से भोजपुर तक के हिस्से में भी कई जगहों पर सड़क में दरारें आईं हैं। यह एक्सप्रेस-वे एक अप्रैल से चालू है।
यहां आई दरारें
कोलंबिया एशिया अस्पताल के पास बने फुटओवर ब्रिज के पास दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क-लालकुआं के पास एनएच-9 को जोड़ने वाली एक्सप्रेस-वे की सड़क-विजयनगर रोज वैली पब्लिक स्कूल के पास सड़क बीचों-बीच टूट गई है। दरारें भी आ गई हैं।
- एबीईएस कट के पास दरारें
- वेव सिटी के सामने
- बम्हैटा के लिए बने अंडरपास में पानी भरा
- डासना के पास सड़क में दरार आने से यातायात प्रभावित
- लालकुआं के पास बनाए गए लूप की सड़क क्षतिग्रस्त- साइकिल ट्रैक एवं फुटपाथ भी टूटने लगा है।
- बम्हैटा के पास सड़क किनारे ड्रेनेज हाल बनाने का काम शुरू किया गया है।
दूसरा चरण
- कुल लागत-1989 करोड़
- कुल लंबाई- 19.38 किलोमीटर
- निर्माण करने वाली कंपनी- मैसर्स एप्को चेतक अल्ट्रावे
- सुरक्षा सलाहकार-एलमोंडज ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर कंसलटेंट
चौथा चरण
- कुल लागत-1087 करोड़
- कुल लंबाई- 31.770 किलोमीटर
- निर्माण करने वाली कंपनी- मैसर्स जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट
- सुरक्षा सलाहकार-कैमिन कनेप्सन
पूरे प्रोजेक्ट का विवरण
- कुल लंबाई- 82 किलोमीटर
- कुल लागत-8,346 करोड़
- सिविल कार्य लागत-4,974 करोड़
- जमीन अधिग्रहण की लागत- 1962 करोड़
- सुविधाओं पर आई लागत-679 करोड़
- कुल चौड़ाई- छह लेन एक्सप्रेस-वे एवं आठ लेन 4-4 दोनों तरफ एनएच-9
मुदित गर्ग (परियोजना निदेशक एनएचएआइ) कहना है कि कुछ स्थानों पर सड़क में दरार आ गईं हैं। सड़क टूटने एवं धंसने की भी जानकारी है। निर्माण एवं चालू होने के बाद पहली और तेज बारिश होना निर्माण कार्यों की परीक्षा होती है। इससे निर्माण कार्यों में रह गई कमियों को दूर करने का अवसर मिल जाता है। लालकुआं पर गंगा वाटर की पाइप लाइन के ज्वाइंट खुलने से सड़क धंसी है। कई जगहों पर दरार आने की वजह बारिश के पानी के निकासी का इंतजाम न होना है। काम शुरू कर दिया गया है। दरार आने की जांच शुरू कर दी गई है। निर्माण कंपनी को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साभार-दैनिक जागरण
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