लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या बढ़ने के आसार

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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के बाकी बचे दो हिस्सों को पिछले महीने 1 अप्रैल से गाड़‍ियों के लिए खोला गया है। लोग 70 मिनट का सफर तय कर दिल्ली से मेरठ पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी इस एक्सप्रेस-वे पर टोल नहीं वसूला जा रहा है।

गाजियाबाद। अगले महीने लॉकडाउन खत्म होने के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की संख्या बढ़ने के आसार हैें, क्योंकि लॉडाउन के चलते लोगों का आवागमन कम हुआ है। यहां पर बता दें कि पिछले तकरीबन एक महीने से दिल्ली में लॉकडाउन जारी है, जो आगामी 31 मई तक खत्म होगा। यहां पर बता दें कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के बाकी बचे दो हिस्सों को पिछले महीने 1 अप्रैल से गाड़‍ियों के लिए खोल गया ता। लोग 70 मिनट का सफर तय कर दिल्ली से मेरठ पहुंच रहे हैं।

इस एक्सप्रेसवे पर कार को 100 किमी प्रतिघंटे और मालवाहक वाहनों को 80 किमी प्रतिघंटे अधिकतम की स्पीड से चलने की अनुमति है, फिलहाल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर टोल नहीं लिया जा रहा है।। दिल्ली से डासना तक यह एक्सप्रेसवे 14 लेन का है, जबकि डासना से मेरठ तक यह 6 लेन का हो जाएगा। वहीं, यूपी गेट से मेरठ के बीच इस एक्सप्रेसवे पर केवल मेरठ के काशी गांव में 19 बूथों का टोल प्लाजा बनाया गया है। इसके अलावा हर एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर कैमरे की मदद से टोल की वसूली की जाएगी। इस हाइवे पर सराय काले खां, अक्षरधाम, इंदिरापुरम, डूंडाहेड़ा, डासना, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, भोजपुर और परतापुर में चढ़ने और उतरने की सुविधा पब्लिक को मिलेगी। ऐसे में इन सभी पॉइंट पर टोल वसूली की सुविधा होगी।

ईपीए से बेहतर कनेक्टिविटी

डासना से आगे कल्लूगढ़ी गांव के पास सबसे बड़े गोलचक्कर पर तीन रैंप और दो लूप को बनाकर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के ट्रैफिक को मैनेज किया गया है। इसमें रैंप तीन को पकड़कर मेरठ से आने वाला ट्रैफिक ईस्टर्न पेरिफेरल से होते हुए पलवल तक चला जाएगा। साथ ही मेरठ से आने वाले किसी ट्रैफिक को कुंडली तक जाना है तो लूप-2 के गोलचक्कर से घूमकर कुंडली की तरफ निकल जाएगा।

एक्सप्रेसवे की खूबी

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