कोरोना महामारी में देश में कई ढोंगी और बदमाश पनप आए हैं। कल हमने एक ढोंगी बाबा का खुलासा किया था, जो शराब और गोमूत्र में गंगाजल मिलाकर पक्का इलाज करने का दावा कर रहा था। आज ऐसे ही कथित पाखंडी के बारे में बता रहे हैं, जो कह रहा है कि कोरोना जैसा कुछ होता ही नहीं है। वह बाकायदा कोरोना से बचने के लिए काले धागे देता है। पर्चियां लिखकर देता है। कहता है, दवा कुछ नहीं ये सही है, इसे गर्म पानी में डालकर पियो। कोराेना पास में भी नहीं फटकेगा।
दैनिक भास्कर ने ऐसे बाबाओं का सच सामने लाने के लिए राजस्थान के शहरों में स्टिंग किए हैं। इनमें सामने आया कि जगह-जगह लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जबकि सरकारें और प्रशासन सभी एक बात पर जोर दे रहे हैं कि अभी कोरोना का ठीक से इलाज नहीं आया है। सर्दी, खांसी या बुखार जैसे कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत हमें डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
उधर, भास्कर टीम को यह कथित ढोंगी सीकर शहर में मिला। कोरोना से पीड़ित बताने पर यह बेशर्म बोला कि सालों से सर्दी, खांसी और जुकाम लोगों को हो रहे हैं। कोरोना कुछ होता ही नहीं है। उसने काला धागा दिया, कहा इसे बांध लो। कुछ पर्चियों को पानी में डाल कर पीने की सलाह दी। साथ ही कहा कि कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल गए तो मुर्दा ही लौटना पड़ेगा।
पूरी जांच व पहचान के बाद ही इलाज
भास्कर टीम तीन दिन तक कोरोना के इलाज करने वाले लोगों को ढूंढने निकली। कई गांवों में पहुंचकर 15 से अधिक बाबा से संपर्क किया। कहीं पर कोरोना का चूर्ण, पुड़िया और ताबीज दिया जा रहा है तो कोई जादू-मंतर कर रहा है। ये अजीब नुस्खे बताकर कोरोना के इलाज का दावा भी कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि बिना जान-पहचान के ये बाबा किसी का इलाज नहीं कर रहे हैं। पहले बात करके पूरी जांच कर लेते हैं। इसके बाद अपना इलाज शुरू करते हैं।
नोटबुक में गणित लगाया, बोला- इंसान की करतूत है
भास्कर की टीम पड़ताल करते हुए सीकर में एक ढोंगी के पास पहुंची। बताया कि कुछ दिनों से मां बीमार है। उसने नाम-पता पूछा। तब एक नोटबुक में पूरा गणित लगाया। कुछ देर के बाद बोला कि किसी इंसान की करतूत है। इलाज करना होगा। सही हो जाएगा। बुरी नजर है। काफी समय तक सोच कर बोला कि ये लड़का तुमको सही जगह लाया है।
मां की कोरोना की बीमारी के बारे में बताया तो कहा कि वो भी सही हो जाएगी। शाम को आ जाना। कुछ खर्चा-पानी ले आओ। खर्च के बारे में पूछने पर बताया कि दो हजार रुपए लगेंगे। अहसान जताने के अंदाज में कहा कि तुम से कम ले रहा हूं।
कोरोना नहीं है, प्लेग व हैजा था
मां की बीमारी की बात पर ढोंगी बोला कि कोरोना कुछ नहीं है, सालों से खांसी-जुकाम हो रहे हैं। तुम मेरी बात को मानो। मां ठीक हो जाएगी। गर्म पानी पिलाओ, सब सही हो जाएगा। शाम को सात बजे आ जाओ। इतना ही नहीं, ढोंगी ने दावा किया कि सालों पहले से खांसी-जुकाम होते आए हैं। पहले प्लेग और हैजा ही होता था। कोरोना कुछ है ही नहीं। अस्पताल में ले जाने की बात पर बोला कि बिल्कुल मरीज को लेकर नहीं जाना, नहीं तो मुर्दा ही वापस लेकर आओगे। बस गर्म पानी पिलाते रहो। ये मरीज को देखने के लिए भी तैयार हो गए, बाद में कहा कि शाम को आ जाओ।
भास्कर की टीम शाम को पहुंची तो गुस्सा हो गए: शाम को एक घंटे की देरी से पहुंचे तो ढोंगी बाबा कुछ नाराज हुआ। बाबा काफी देर से इंतजार कर रहा था। गुस्से में बोला कि मुझे पड़ोस में जाना है। बहुत लेट आए हो। पलंग पर बैठ कर एक किताब को खोला।
पर्चियां देकर बोला- गर्म पानी में मिलाकर पीना, धागे को पैर में बांधना
ढोंगी बाबा ने कोरोना की बीमारी को दूर करने का इलाज बताया। कहा कि एक बोतल पानी लेना, उसे गर्म कर लेना। गिन कर चार पर्चियां दीं और बोला कि बोतल में डाल कर एक घंटे छोड़ देना। दूसरा पानी लेना उसमें पहली बोतल से ढक्कन लेकर पानी मिला लो। अब पानी से आंखों और चेहरे पर छींटे डालना। दूसरी बोतल में आधा लीटर पानी लेना और उसमें इन पर्चियों को डालना। घर के गेट के ऊपर छिड़काव करना है। तीसरी पर्ची देकर बोला कि माता के तकिए के नीचे रख देना। काला धागा देकर कहा कि दाएं पैर में बांध देना। बाद में धागे को वापस लौटा देना। अभी दो दिन बाद में मुझे बताना। जल्द आराम मिल जाएगा।
दावा: कोरोना के साथ सब बीमारी होगी खत्म
बाबा कहने लगा कि मैंने ऐसा इलाज बताया है कि कोरोना के साथ कोई और भी बीमारी होगी, तो वो भी खत्म हो जाएगी। मैंने काफी लोगों का इलाज किया है। अस्पताल में मत लेकर जाओ। खजूर और नमक खिलाते रहो। हल्का कुछ भी खाने को देते रहो। मां के नाम पर कुछ धर्म भी करो, पक्षियों को किलो-दो किलो दाना डाल देना। कोई बला होगी तो खत्म हो जाएगी।
अस्पताल मत ले जाना, दो तरह के इंजेक्शन
अस्पताल में बिल्कुल भी मत लेकर जाना, ऐसा बता रहे हैं कि दो तरह के इंजेक्शन आ रहे हैं। इंजेक्शन लगाने के बाद एक-दो दिन में मौत हो जाती है। अस्पताल का माहौल बिगड़ रहा है। हमारी बात को मानो तो मत लेकर जाना। दो दिन में आराम पड़ जाएगा। दो दिन रुको, अभी आराम पड़ जाएगा। तुमको कुछ और भी देंगे, ताबीज भी दे देंगे। दूसरे फॉर्मूले से भी इलाज कर देंगे। बस हिम्मत रखो। हमें दिखाते रहना।
डिस्क्लेमर: दैनिक भास्कर का किसी की भी धार्मिक भावना से खिलवाड़ करने का मकसद नहीं है। लेकिन जब पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तब ऐसे समय में इन कथित ढोंगियों का सच जानना जरूरी है। भास्कर के पास सभी स्टिंग के वीडियो हैं।
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