गाजियाबाद: कोरोना महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। मलेरिया विभाग में तैनात सुपरवाइजर लखनऊ में है और उसकी डयूटी पर बराबर हाजिरी लग रही है। मामला प्रकाश में आने पर नोडल अधिकारी सेंथियल पांडियन सी द्वारा प्रारंभिक जांच कराई गई। जांच नगरायुक्त महेंद्र तंवर एवं अपर नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार द्वारा की गई। जांच में पाया गया कि एक मई से लखनऊ में मौजूद सुपरवाइजर अविनाश सिंह की ड्यूटी पर हाजिरी गाजियाबाद में लग रही है। ड्यूटी लगाने वाले सीएमओ और डीएमओ भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। जिला प्रशासन को इस फर्जीवाडे़ की शिकायत मिली थी।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से सुपरवाइजर का वेतन रोकने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर सुपरवाइजर को निलंबित करने की संस्तुति कर दी गई है। साथ ही इस पूरे प्रकरण में जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा की कार्यप्रणाली भी जांच के घेरे में आ गई है। मामले की विस्तृत जांच के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह जांच नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर को सौंपी गई है। इस जांच में पता लगाया जाएगा कि इस पूरे प्रकरण में किस-किस अधिकारी की संलिप्तता है। उधर सीएमओ डा. एनके गुप्ता का कहना है कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। यदि कोई ऐसा मामला प्रकाश में आएगा तो जांच कराई जाएगी। मामला खुलने के बाद जिला मलेरिया अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा ने मोबाइल बंद कर लिया है। बीस से अधिक सुपरवाइजर का अता-पता नहीं
जिला मलेरिया विभाग एवं टीबी विभाग के बीस से अधिक सुपरवाइजरों का कोई अता-पता नहीं है। पिछले एक साल से कोई सैनिटाइजेशन के नाम पर तो कोई कांटेक्ट ट्रेसिग के नाम पर घर पर आराम कर रहा है। यदि इनकी सही तरीके से जांच हो जाए तो स्वास्थ्य विभाग के कई अफसरों की सेहत खराब होना तय है। सूत्र बताते हैं कि कई महिला सुपरवाइजरों का वेतन कमीशन के आधार पर निकल रहा है। पिछले साल हटाए गए थे ड्यूटी से गायब मिले 11 डाक्टर
पिछले एक साल में जिले में तैनात 11 चिकित्सकों की सेवाएं ड्यूटी से लगातार गायब रहने पर समाप्त की जा चुकी है। छह अन्य चिकित्सकों के खिलाफ जांच जारी है। इसके अलावा वर्तमान में कई चिकित्सक कोरोना संक्रमण के डर से घर पर ही हैं और उनका वेतन बराबर जारी हो रहा है। कोरोना में ड्यूटी दे रहे स्वास्थ्य विभाग के तीन अफसरों की पत्नियां भी जिले में तैनात है, लेकिन ड्यूटी चार्ट का सत्यापन होने पर इनकी असलियत भी उजागर हो सकती है।साभार-दैनिक जागरण
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