यह माना जा रहा है कि कोविड की तीसरी लहर (Third Wave) 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करेगी. इसलिए सभी माता-पिता को जल्द से जल्द वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) लेने और बच्चों को अच्छी सेहत सुनिश्चित करने की सलाह दी जा रही है.
बेंगलुरु. बच्चों के माता पिता घबरा कर बच्चों के डॉक्टरों के पास जा रहे हैं क्योंकि उनके बच्चे अक्सर बीमार पड़ने लगे हैं. विशेषज्ञों की इस चेतावनी के बाद कि कोविद की तीसरी लहर वयस्कों के बजाय बच्चों को ज्यादा प्रभावित करने वाली है, बच्चों का स्वास्थ्य एक चिंता का विषय बन गया है. लेकिन जिस चीज को माता-पिता समझने में नाकामयाब हो रहे हैं, वह उनके बच्चों का बढ़ता वजन (Increasing Weight) है, जो मोटापे (Obesity) की अवस्था में पहुंच चुका है और जो सभी बीमारियों की जड़ है और जिसके लिए माता पिता डॉक्टरों के चक्कर काट रहे हैं.
बहुत से माता-पिता इसे महसूस नहीं करते, लेकिन मोटापा भी बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम करता है. एक साल से ज्यादा समय से बच्चे घर के अंदर रह रहे हैं. सुस्त जीवन शैली ने उन्हें मोटा और निष्क्रिय बना दिया है. फ़ास्ट फ़ूड ने पहले से मौजूद परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा दिया है. घटती रोग प्रतिरोधक क्षमता निश्चित तौर पर न केवल बच्चों के लिए बल्कि मौजूदा परिस्थितियों में सभी के लिए खतरा है.
विशेषज्ञों के अनुसार, यह माना जा रहा है कि कोविड की तीसरी लहर 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करेगी. इसलिए सभी माता-पिता को जल्द से जल्द वैक्सीन लेने और बच्चों को अच्छी सेहत सुनिश्चित करने की सलाह दी जा रही है. मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता की वजह से कम जानें जायेंगीं.
शुरुआत में बच्चे घर के अंदर थे, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से व्यस्त थे. बाद में, जब यह गंभीर स्थिति उम्मीद से ज्यादा समय तक बनी रही तो यह बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ने लगी. अकेले रहना, दोस्तों से न मिलना, सामाजिकता से दूर, स्कूल गतिविधियों की कमी, इन सबने बच्चों को सुस्त और आलसी बनाने में अच्छी खासी भूमिका निभाई. वह सोशल मीडिया और गैजेट्स से चिपके हुए हैं और अभिभावकों के पास इसका कोई विकल्प नहीं है क्योंकि वे खुद वर्क फ्रॉम होम में व्यस्त हैं.
निश्चित तौर पर बच्चों में इम्युनिटी घटाने में मोटापा जिम्मेदार होता है, बेंगलुरु के एम्. एस. रमैया अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमशेखर कहते हैं. मोटापे की वजह से बच्चों में सांस की समस्या भी हो जाती है. यदि किसी ने ध्यान दिया हो तो देखा होगा मोटे बच्चे कुछ कदम चलने में ही हांफ जाते हैं. मेटाबोलिज्म और जोड़ों के दर्द से जुड़ी समस्याएं भी मोटापे से ही सम्बंधित हैं. साभार- न्यूज़18
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post