ग्रेटर नोएडा कोरोना का प्रकोप एनसीआर के गांवों में ही नहीं बल्कि दूर-दराज के इलाकों में भी है। ग्रेटर नोएडा की इंडस्ट्री में काम करने वाले सैकड़ों लोग कोरोना से डर के अपने घरों को लौट गए। लेकिन अब फोन करके बताते हैं कि उनकी नौकरी चली गई और बीमारी ने हाल बेहाल कर दिया।
हबीबपुर गांव में बाबा दिनेश और बाबू के मकान में किराए पर रहने वाले संभल कन्नौज और इटावा जनपदों के रहने वाले दर्जनों परिवार कोरोना का प्रकोप फैलते ही अपने घरों को लौट गए थे। यह लोग ईकोटेक टॉय सिटी और महिलाओं उद्यमी पार्क की कंपनियों में काम करते थे। दिनेश ने बताया कि अब तमाम किराएदार अपने घरों को लौटने पर पछतावा कर रहे हैं। उन्होंने फोन कर जानकारी दी कि हर गांव मोहल्ले और परिवार में कोई न कोई बीमार है। आए दिन गांवों में किसी न किसी की मौत हो रही है। कोरोना से बचने के चक्कर में वह नौकरी छोड़ कर अपने गांव आए थे। लेकिन यहां भी बीमारी ने उन्हें पकड़ लिया है।
गांव में ना तो डॉक्टर है और ना मेडिकल स्टोर, किराएदार सुरेश ने बताया कि यदि हम ग्रेटर नोएडा में ही होते तो कम से कम इलाज मिलने की उम्मीद तो थी। लेकिन यहां आकर ना इलाज मिल रहा है और ना नौकरी बची है। अधिकांश कर्मचारी हालात सामान्य होने के इंतजार में हैं। श्रमिकों का कहना है कि वह जल्द से जल्द ग्रेटर नोएडा लौटना चाहते हैं। ताकि नौकरी वापस पाकर परिवार का पालन-पोषण कर सकें। साभार- ट्रीसिटी टुडे
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post