लॉकडाउन के दौरान अनावश्यक घूमने वालों पर हरियाणा सरकार सख्त हो गई है। राज्य में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर चिंतित सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाएगी। जरूरी होने पर लोग पास बनवा सकते हैं।
चंडीगढ़। हरियाणा में अगर कोई भी बगैर पास के घर से बाहर निकला तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है। मंगलवार को गृह मंत्री अनिल विज ने अफसरों को निर्देश दिया कि लॉकडाउन के दौरान आवागमन के लिए विभागीय आइ-कार्ड या सरकार द्वारा जारी पास अनिवार्य है। इनके बिना सड़कों पर घूमने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
स्थानीय स्तर पर उपायुक्त पास बनाएंगे जिसके लिए saralharyana.gov.in पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। राज्यस्तरीय कोविड निगरानी समिति की बैठक में गृह मंत्री ने करियाना, दवाइयों तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को रोस्टर बना कर खोलने के आदेश दिए हैं। इस प्रकार की सभी दुकानें प्रतिदिन नहीं खोलने दी जाएंगी बल्कि रोटेशन में खोली जाएंगी। होटल, जिम, क्लब व रेस्तरा को पूरी तरह से बंद रखा जाएगा।
ऑक्सीजन किल्लत को दूर करने के लिए विदेश से दस खाली टैंकर मंगाए जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि अधिकारी प्रदेश में 24 घंटे के लिए अक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उड़ीसा से हरियाणा के कोटे की ऑक्सीजन उठाने के लिए हरसंभव प्रयास करें। सरकारी एवं निजी अस्पतालों में टासिलिजुमैब व रेमडेसिविर टीकों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया आनलाइन शुरू की जाए।
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश को 300 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है जबकि मिल रही है 252 मीट्रिक टन। उड़ीसा के राउरकेला प्लांट से 70 टन ऑक्सीजन मिलनी है, लेकिन टैंकरों की कमी के चलते इसे उठाया नहीं जा पा रहा। इसके लिए टैंकरों को आयात किया जाएगा। ऑक्सीजन टैंकर को पुलिस सुरक्षा के साथ वीवीआइपी मूवमेंट की तरह लाया जाएगा ताकि कोई रूकावट न हो।
अनावश्यक कोई बाहर निकले तो जेल की हवा खिलाओ
विज ने स्पष्ट हिदायत दी कि पूरी सख्ती से लॉकडाउन को लागू किया जाए। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसे जेल की हवा खिलाएं। उन्होंने दोहराया कि संक्रमण के फैलाव को देखते हुए अंतिम विकल्प के तौर पर ही लॉकडाउन लगाया गया है। यदि अभी ढिलाई बरतेंगे तो नुकसान हो सकता है। वे खुद जनता से अपील करते हैं कि घरों से बाहर न निकलें। यदि जरूरी हो तो तभी बाहर निकलें। घरों में रहकर ही कोरोना संक्रमण को हराया जा सकता है।
सरकार ने विश्वविद्यालयों पर छोड़ा परीक्षाएं लेने का फैसला
काेरोना के चलते स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाओं को लेकर छात्रों में संशय के बीच सरकार ने साफ किया है कि परीक्षाएं जरूर होंगी। परीक्षाएं कब होंगी और आनलाइन होंगी या आफलाइन, इसका फैसला विश्वविद्यालय करेंगे।प्रदेश सरकार पहले ही दसवीं की परीक्षाओं को रद कर चुकी और बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं। इसके बाद स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाओें पर भी संकट मंडरा रहा था।
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाएं आयोजित करना विश्वविद्यालयों का अधिकार क्षेत्र है। इसलिए विश्वविद्यालयों को यह फैसला देने की छूट दी गई है कि वे अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षाएं लें। संक्रमण की स्थिति को देखते हुए फिलहाल परीक्षाएं आयोजित नहीं होंगी, लेकिन स्थिति नियंत्रित होते ही विश्वविद्यालय परीक्षाओं को लेकर फैसला लेंगे।
पर्यटन महकमा भी संभाल रहे कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कोरोना काल में पर्यटन उद्योग सब जगह घाटे में है। चाहे वह प्राइवेट हो या फिर सरकारी। इस दौर में हरियाणा का पर्यटन विकास निगम भी मंदी की मार झेल रहा है। पिछली बार पर्यटन निगम के होटलों में डाक्टरों के ठहरने व क्वारंटाइन सेंटर बनाने में सरकार की मदद की गई थी। हालांकि लॉकडाउन के चलते न तो कोई पर्यटक आता है और न ही कोई ठहरता है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि घाटा होगा। मगर निगम की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि स्थिति नियंत्रित होते ही पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में नया कदम उठाया जाए साभार-दैनिक जागरण
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