भारत बायोटेक ने कोरोना की अपनी वैक्सीन कोवैक्सिन के दाम कम कर दिए हैं। अब राज्यों को इसके लिए 600 की जगह 400 रुपए चुकाने होंगे। कंपनी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। इससे पहले बुधवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोवीशील्ड के दाम घटाए थे।
देश में वैक्सीन के अलग-अलग रेट पर काफी विवाद हो रहा था। कोवीशील्ड के मुकाबले कोवैक्सिन के रेट काफी ज्यादा रखे गए थे। कोवैक्सिन ने केंद्र सरकार के लिए वैक्सीन के रेट 150 रुपए, राज्यों के लिए 600 रुपए और प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए 1200 रुपए रखे थे। अब राज्यों के दाम में कटौती की गई है।
कोवैक्सिन दुनिया की सबसे सफल वैक्सीन में शामिल
भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की कोशिशों से बनी पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन दुनिया की सबसे सफल वैक्सीन में से एक के तौर पर सामने आई है। कंपनी ने फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स के दूसरे अंतरिम नतीजों के आधार पर दावा किया है कि वैक्सीन की क्लिनिकल एफिकेसी 78% है।
यानी यह कोरोना इन्फेक्शन को रोकने में 78% इफेक्टिव है। अच्छी बात यह है कि जिन्हें ट्रायल्स में यह वैक्सीन लगाई गई थी, उनमें से किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं दिखे। यानी गंभीर लक्षणों को रोकने के मामले में इसकी इफेक्टिवनेस 100% है।
कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा
हाल ही में भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाने का फैसला किया था। अब हर साल इसके 70 करोड़ डोज तैयार किए जाएंगे। कंपनी ने अपने हैदराबाद और बेंगलुरु के कई प्लांट की क्षमता बढ़ाई है। मैक्सिमम लिमिट तक प्रोडक्शन पहुंचाने में 2 महीने का समय लगेगा। वित्त मंत्रालय ने कोवैक्सिन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए भारत बायोटेक कंपनी को 1,567.50 करोड़ रुपए एडवांस देने का ऐलान किया है।
हर महीने तैयार की जाएंगी 5.35 करोड़ वैक्सीन
कंपनी ने कहा कि वह जुलाई से हर महीने 5.35 करोड़ वैक्सीन तैयार करना शुरू कर देगी। कंपनी इनएक्टिवेटेड वैक्सीन बनाती है। इस तरह की वैक्सीन सुरक्षित होती है, लेकिन उसमें काफी जटिलता होती है। इसको तैयार करना भी महंगा पड़ता है। इसलिए लाइव वायरस वैक्सीन के मुकाबले इसका उत्पादन कम होता है। साभार-दैनिक भास्कर
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