भारत में चाय (Tea Business) सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली पेय है. भारत में उगाई जाने वाली चाय आज पूरे विश्व में पहचानी जाती है, लेकिन अब देश के कुछ स्टार्टअप इस चाय को नए रंग और कलेवर के साथ लोगों के सामने पेश कर रहे हैं, जिसे बड़े पैमाने पर पसंद भी किया जा रहा है.
नई दिल्ली. भारत में चाय (Tea Business) सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली पेय है. ज्यादातर लोग के चाय के दीवाने होते हैं घर हो या बाहर चाय की ललक चाय दुकान तक खींच कर ले जाती है. गप्पे मारने से लेकर थकावट दूर करने के लिए लोग चाय का सहारा लेते हैं. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिनके पास कोई काम नहीं होत है तो बोरियत मिटाने के लिए चाय पी लेते हैं. बस यही वजह है कि चाय का का कारोबार हमेशा फायदेवाला सौदा होता है.
भारत में उगाई जाने वाली चाय आज पूरे विश्व में पहचानी जाती है, लेकिन अब देश के कुछ स्टार्टअप इस चाय को नए रंग और कलेवर के साथ लोगों के सामने पेश कर रहे हैं, जिसे बड़े पैमाने पर पसंद भी किया जा रहा है. वैसे चाय बेचकर अपनी जिंदगी बनाने वालों की बहुत सी कहानियां आपने पढ़ी और सुनी होंगी. लेकिन हम आपके लिए एक ऐसे शख्स की कहानी बता रहे हैं जो चाय का बिजनेस शुरू करने के लिए विदेश की आरामदायक जिंदगी को छोड़ दिए. आइए जानते हैं क्या है कहानी?
चाय बेचकर करोड़ों की कंपनी खड़ी की
यह कहानी है एनआरआई जगदीश कुमार की. वह न्यूजीलैंड में आराम की जिंदगी गुजार रहे थे, जिन्होंने कई वर्षों तक हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम किया. लेकिन 2018 में वह एक प्लान के साथ हमेशा के लिए भारत लौट आए और यहां चाय का अपना बिजनेस शुरू किया. जगदीश कुमार ने न सिर्फ चाय को कई नए फ्लेवर के साथ लोगों के सामने पेश किया है, बल्कि इसी चाय के जरिये कम समय में बड़ा मुनाफा भी कमाया है. इन्होंने NRI चायवाला के नाम से कारोबार शुरू किया. आज की डेट में 35 कर्मचारियों के साथ उनकी कंपनी का 1.2 करोड़ टर्नओवर है.
क्या है चाय की खासियत?
NRI चायवाला ने बड़ी ही अनूठे ढंग से अपनी विभिन्न फ्लेवर वाली चाय के नाम रखे हैं. मम्मी के हाथ वाली चाय, प्यार मोहब्बत वाली चाय और उधार वाली चाय, ये कुछ फ्लेवर के अनूठे नाम हैं, जिन्हें इनके नामों के अनुसार ही तैयार किया गया है. चाय की इन सभी वैराइटी में कुछ खास मसाले भी डाले जाते हैं, जो जगदीश के अनुसार सीक्रेट हैं.
जगदीश का दावा है कि उनके पास इम्यूनिटी बूस्टर चाय भी है, जिसमें मुलेठी, अदरख, हल्दी और काढ़ा आदि का उपयोग किया जाता है. जगदीश का कहना है कि कोरोना वायरस की शुरुआत के साथ ही उन्होंने इस दिशा में आर एंड डी पर काम तेजी से शुरू कर दिया था और यह तेजी से पसंद किया जाने लगा.
क्या कहते हैं जगदीश?
जगदीश कहते हैं, मैंने चाय बनाने के लिए जरूरत के सामान को इकट्ठा कर उनके ऑफिस के बाहर ही चाय की दुकान लगाना शुरू कर दिया. मेरी चाय को खूब पसंद किया जा रहा था. फिर कुछ दिन बाद मैंने अपनी दुकान में NRI चायवाला का बैनर लगाया, जो लोगों के बीच कौतूहल का विषय बन गया. जगदीश की कमाई का मुख्य स्रोत HCL और इनफोसिस जैसी MNCs कंपनियां हैं. साभार- न्यूज़18
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